देवी अहिल्या संस्था के अजमेरा और काला के खिलाफ जांच शुरू, आईडीए में भर दिया था डायमंड इन्फ्रा और रजत गृह निर्माण का पैसा .


इंदौर। भूमि घोटाले में कई बार बदनाम हो चुकी देवी अहिल्या श्रमिक कामगार संस्था के निष्कासित अध्यक्ष विमल अजमेरा और उपाध्यक्ष मनोज काला ने फिर एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया है। आईडीए द्वारा छोड़ी गई स्कीम 171 में डायमंड इन्फ्रा और रजत गृह निर्माण का पैसा देवी अहिल्या के खाते से जमा करा दिया। इसकी शिकायत होने के बाद सहकारिता विभाग ने जांच शुरू कर दी है, जिसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है।
उल्लेखनीय है कि आईडीए की स्कीम 171 में जब विभिन्न संस्थाओं से विकास शुल्क जमा कराने की प्रक्रिया चल रही थी, तो देवी अहिल्या संस्था के खाते से डायमंड इन्फ्रा और रजत गृह निर्माण संस्था के पैसे जमा करा दिए गए थे। इसकी शिकायत होने के बाद सहकारिता विभाग ने भी आपत्ति लेते हुए आईडीए से दोनों संस्थाओं को एनओसी जारी नहीं करने के लिए पत्र लिखा था। उस समय खूब हंगामा मचा, लेकिन आईडीए की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके कारण भूमाफियाओं की चांदी हो गई और उन्होंने दूसरी संस्थाओं और लोगों के पैसे भी भर दिए।
अमानत में खयानत की हुई लिखित शिकायत
इसके बाद संस्था के सदस्य गिरधारीलाल शर्मा और कपिल भारद्वाज ने संभागायुक्त, कलेक्टर, संयुक्त आयुक्त सहकारिता, सीईओ आईडीए, उपायुक्त सहकारिता और थाना प्रभारी एमआईजी को लिखित शिकायत की। इसमें कहा गया कि श्री देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर की भूमि इन्दौर विकास प्राधिकरण की योजना कमांक 171 से अभी हाल ही में में मुक्त हुई है। संस्था की भूमि के साथ-साथ अन्य 12 गृह निर्माण सहकारी संस्थाओं तथा व्यक्तियों की भूमियां भी उक्त योजना से मुक्त हुई हैं। इसकी सूचना आईडीए द्वारा गजट नोटिफिकेशन, समाचार मत्रों के माध्यम से दी गई। सम्बंधित भूमि स्वामियों से 60 दिन की समयसीमा में प्राधिकरण की मांग अनुसार राशि जमा करने को कहा गया था। संस्था के पूर्व पदाधिकारियों द्वारा हम संस्था के सदस्यों द्वारा खरीदी गई भूमियां अवैध तरीके से विभिन्न कम्पनियों एवं व्यक्तियों को पूर्व में विक्रय कर दी गई थी। उक्त अवैधानिक क्रेता एवं विक्रेताओं के खिलाफ सहकारिता विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराए गए थे। इसके साथ ही रजिस्ट्रियां निरस्त कराने एवं भूमि का कब्जा वापस लेने की लड़ाई हम सदस्य लड़ रहे हैं।
अजमेरा और काला कर रहे हैं गड़बड़ी
शिकायत में कहा गया है कि हटाए गए अध्यक्ष विमल और उपाध्यक्ष मनोज काला और संस्था प्रबंधक अनिल महाडिक द्वारा संस्था की भूमि अवैधानिक क्रेताओं से सांठगांठ एवं षड्यंत्र कर अवैध रूप से क्रय की गई भूमि पर मालिकाना हक दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं। अवैधानिक सहयोग करने के उद्देश्य से प्राधिकरण द्वारा अधिरोपित राशि संस्था के बैंक खातों से प्राधिकरण को भुगतान की गई है। इन लोगों ने श्री देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर के बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा पलासिया, इन्दौर में संचालित बचत खाता कमांक 60414728455 से रजत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर तथा डायमण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर्स तर्फे अजय जैन के नाम से भी भुगतान कर दिया।
आईडीए और पुलिस की नहीं खुली नींद
जब आईडीए में पैसे भरने की प्रक्रिया चल रही थी, तब भी इस मामले में शिकायत हुई थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। जब हो-हल्ला मचा तो आईडीए ने एक जांच कमेटी बना दी, जिसने अभी तक जांच नहीं की। इधर, संस्था के सदस्यों ने फिर शिकायत की, लेकिन आईडीए की नींद तब भी नहीं खुली। आईडीए सीईओ आरपी अहिरवार सिर्फ अपना कार्यकाल बढ़वाने में लगे हैं। पुलिस के पास शिकायत पहुंची, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने भी सिर्फ पूछताछ कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
सहकारिता विभाग की जांच लगभग पूरी
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में सहकारिता विभाग की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इसके लिए दो अधिकारी नियुक्त हुए। इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने वाली है। इस रिपोर्ट के आधार पर अजमेरा और काला पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है।
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