यशवंत क्लब के मेन बिल्डिंग के निर्माण में ही गड़बड़ी, एक फ्लोर की मंजूरी पर तान दी जी प्लस टू बिल्डिंग, नगर निगम की नपती में कई खुलासे.


इंदौर। मात्र 6 रुपए की लीज पर शासकीय जमीन पर स्पोर्ट्स के नाम पर चल रहे यशवंत क्लब नियमों की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ता। जब भी शिकायत होती है तो यशवंत क्लब के कुलीन पदाधिकारी और सदस्य अपने को पाक-साफ बता देते हैं। हाल ही में जब नगर निगम ने क्लब की नपती कराई तो उसमें भारी पैमाने पर गड़बड़ियां मिली हैं। इसमें यह भी पता चला कि क्लब की मेन बिल्डिंग ही अवैध तरीके से खड़ी है। नगर निगम से एक ग्राउंड फ्लोर की परमिशन लेकर जी प्लस टू निर्माण कर लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में यशवंत क्लब ने परिसर में कुछ निर्माण शुरू किया था, जिसके लिए नगर निगम में अनुमति का आवेदन लगाया गया है। चूंकि क्लब पर नगर निगम के तीन करोड़ रुपए बाकी थे और यह भी नहीं पता था कि कितने एरिया का टैक्स दिया जा रहा है इसलिए नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने हाल ही में इसकी नपती कराई थी। इसमें बारी पैमाने पर गड़बड़िया मिली हैं। स्वीकृति से अधिक निर्माण के साथ ही मनमर्जी निर्माण कर लिए गए हैं। इसके लिए न तो कोई अनुमति ली गई और न ही इसका टैक्स नगर निगम को दिया जा रहा है।
मेन बिल्डिंग में ही मिली भारी गड़बड़ी
1650 वर्गमीटर यानी करीब 17760 वर्गफुट के निर्माण की अनुमति ली गई, जबकि 2348.70 वर्गमीटर यानी करीब 25281 वर्गफुट का निर्माण कर लिया गया। एक जून 2005 को इसके निर्माण के लिए जो अनुमति ली गई थी, उसमें सिर्फ ग्राउंड फ्लोर का ही जिक्र है, जबकि ग्राउंड प्लस 2 का निर्माण कर लिया गया। इसकी अनुमति के कोई डाक्यूमेंट नहीं मिले हैं। मुख्य बिल्डिंग के साथ ही 350 वर्गमीटर यानी करीब 3767 वर्गफुट के सर्वेंट क्वार्टर की मंजूरी भी ली गई थी, लेकिन मौके पर सर्वेंट क्वार्टर नहीं मिले हैं।
स्क्वैश कोर्ट में अनुमति से ज्यादा निर्माण
क्लब ने स्क्वैश कोर्ट के लिए 115.3 वर्गमीटर यानी करीब 1241 वर्गफुट के निर्माण की अनुमति ली गई थी। यहां सिर्फ ग्राउंड फ्लोर ही बनना था। नगर निगम की नपती में पता चला कि यहां 732.846 वर्गमीटर यानी करीब 7888 वर्गफुट का अतिरिक्त निर्माण कर लिया गया है। वह भी ग्राउंड की अनुमति लेकर जी प्लस वन का निर्माण हुआ है।
बिना अनुमति बना लिया कैफे
क्लब में एक कैफे भी बना हुआ है। इसका निर्माण 83.6 वर्गमीटर यानी करीब 899.8629 वर्गफुट में यह बना हुआ है। यह निर्माण पूरी तरह से अवैध है, क्योंकि नगर निगम की नपती में इसकी अनुमति का कोई डाक्यूमेंट नहीं मिला है।
16 हजार 309 वर्गफुट से ज्यादा अवैध निर्माण
क्लब में नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार कुल 5846.09 वर्गमीटर यानी 62926.78905 वर्गफुट के निर्माण की अनुमति ली गई थी, जबकि मौके पर 1515.226 वर्गमीटर यानी 16309.756925 का अतिरिक्त निर्माण मिला है।
इतनी गड़बड़ियों के बाद भी सीना ऊंचा
यशवंत क्लब में कई तरह की गड़बड़ियों की बात सामने आती रही है। कई बार सदस्यों ने भी शिकायत की है, लेकिन हर बार मामले को किसी भी तरीके से दबा दिया जाता है। सदस्यों को तो डरा-धमका दिया जाता है, लेकिन ताज्जुब तो तब होता है जब कोई भी विभाग इस क्लब की तरफ आंख उठाकर नहीं देखता।
निगमायुक्त ने दिखाई हिम्मत
इस मामले में निगमायुक्त शिवम वर्मा की जितनी तारीफ की जाए कम है। कम से कम उन्होंने हिम्मत दिखाने की कोशिश तो की है। करोड़ों रुपए का राजस्व दबाकर बैठे इस क्लब के कर्ताधर्ताओं को ऐसा लगता है कि अब भी उन पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। जाहिर है वह नगर निगम के खिलाफ कोर्ट जाएंगे। पहले भी ऐसे मामलों में कोर्ट जाते रहे हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जब नियम सबके लिए बराबर है तो इस क्लब को इससे छूट कैसे दी जा सकती है?