गांधी नगर और ज्योति गृह निर्माण संस्था के फर्जीवाड़े में फंसा उप अंकेक्षक आशीष सेठिया, सहकारिता आयुक्त ने जारी किया नोटिस.


इंदौर। सहकारी संस्थाओं में लगातार फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले सहकारिता विभाग के उप अंकेक्षक आशीष सेठिया के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। गांधी नगर तथा ज्योति गृह निर्माण संस्था में प्लॉट से लेकर हर तरह का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में सहकारिता आयुक्त ने सेठिया को नोटिस जारी किया है। इससे पहले भी कई जांचों में सेठिया दोषी पाया गया था।
सहकारिता आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं मनोज पुष्प ने 6 अक्टूबर को आशीष सेठिया को दो अलग-अलग नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि सेठिया ने ज्योति गृह निर्माण सहकारी संस्था की भूमि को विक्रय करने संबंधी अनापत्ति के संबंध में संभागीय कार्यालय में पदस्थ न रहते हुए भी यहां की नस्तियों का इस्तेमाल किया। इतना ही नहीं सेठिया बेची गई गई भूमि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संलिप्त रहा। इसी तरह की गड़बड़ी गांधी नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था में पाई गई थी। नोटिस में कहा गया है कि उप आयुक्त सहकारिता जिला इंदौर के स्तर से कराई गई धारा 59 के जांच प्रतिवेदन के पालन प्रतिवेदन में समय पर मतांकन नहीं किए जाने से दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। नोटिस में कहा गया है कि सेठिया द्वारा अपने पदीय कर्त्तव्यों के निर्वहण में गंभीर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता बरती गई। सहकारिता आयुक्त ने सेठिया से 15 दिन में जवाब मांगा है।
जांच करने गए और कर लिया तीन प्लॉटों का सौदा
इस मामले की शिकायत सत्यनारायण अग्रवाल ने की थी। अग्रवाल ने कहा कि आशीष सेठिया जब जांच करने पहुंचे तो उन्होंने गांधी नगर संस्था के प्रबंधक फूलचंद पांडेय से सौदेबाजी कर ली। तीन प्लॉट देने की बात पर सौदा पक्का हुआ। सेठिया ने कहा कि तीन प्लॉटों के बदले सही जांच रिपोर्ट दे दूंगा। इस सौदेबाजी की रिकॉर्डिंग अग्रवाल के पास आ गई। उन्होंने फिर इसकी शिकायत कर दी। अब इसी शिकायत पर कार्रवाई आगे बढ़ी है।
सेठिया ने अपने भाइयों को जारी कर दीं रसीदें
इससे पहले संयुक्त आयुक्त मकवाना द्वारा 16 जुलाई को भेजे अपने प्रतिवेदन में लोकायुक्त में शिकायत के आधार पर तीन बिंदुओं पर इन तीनों पर कार्रवाई के लिए कहा गया है। पहला बिंदु है तत्कालीन अंकेक्षण अधिकारी जीएस परिहार द्वारा म.प्र.सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 59 के तहत प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन पर कार्रवाई की मांग, जिसमें भारी गड़बड़ी पाई गई है। दूसरा बिंदु है जांच प्रतिवेदन में कार्यवाही में देरी की जांच कर इसके लिए दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई। तीसरा बिंदु है संस्था के अभिलेख थाने में वर्ष 2013 से जमा होने के बाद भी आशीष सेठिया, उप अंकेक्षक के दोनों भाइयों के नाम रसीदें जारी की गई हैं। सेठिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नई रसीदें खरीदकर अपने दोनों भाइयों को 2014 में रसीदें जारी कर दीं।
परिहार की जांच में भी हुए थे कई खुलासे
सहकारिता विभाग के तत्कालीन अंकेक्षण अधिकारी जीएस परिहार ने गांधी नगर संस्था के मामले में धारा 59 का प्रतिवेदन 08 दिसंबर 2020 को उपायुक्त, सहकारिता को प्रस्तुत किया था। इसमें कई गंभीर अनियमितताएं मिली थीं। परिहार के प्रतिवेदन में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता एमएल गजभिये, उप अंकेक्षक आशीष सेठिया, तत्कालीन प्रशासक व सहकारी निरीक्षक प्रवीण जैन (वर्तमान में सेवानिवृत्त), संस्था प्रबंधक फूलचंद पाण्डेय ने जानबूझकर कार्रवाई को टाला। इसलिए ये सभी दोषी हैं।