पीडब्ल्यूडी के पूर्व चीफ इंजीनियर ने काली कमाई से खड़ा कर लिया था साम्राज्य, संपत्ति का आंकड़ा 15 करोड़ पार .


भोपाल। लोकायुक्त ने मध्यप्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पूर्व चीफ इंजीनियर जीपी मेहरा के भोपाल स्थित आवास समेत 4 ठिकानों पर गुरुवार को छापा मारा था। जैसे-जैसे उनकी चल-अचल संपत्तियों का आंकलन हो रहा है, वैसे-वैसे उसकी काली कमाई से खड़े किए गए साम्राज्य से पर्दा उठ रहा है। लोकायुक्त की टीम मेहरा की 8 एफडी, नर्मदापुरम में एक अन्य जमीन और भोपाल की पॉश कॉलोनी में एक और फ्लैट होने के प्रमाण मिले हैं। बताया जाता है कि अब तक मिली कुल चल और अंचल संपत्ति का आंकड़ा 15 करोड़ रुपए पार कर चुका है।
मेहरा रिटायरमेंट के बाद मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन में चीफ इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने पीडब्ल्यूडी में रहते हुए जमकर काले कारनामे किए। लोकायुक्त की छापेमारी में यह बात सामने आई है कि रिटायर्ड इंजीनियर जीपी मेहरा ने नर्मदापुरम के तहसील सोहागपुर के ग्राम सैनी में प्राइवेट आइलैंड जैसी जगह को विकसित किया है। यहां मधुमक्खी पालन भी करता था। यही पर कॉटेज का निर्माण किया जा रहा है। वह यहां लग्जरी रिसॉर्ट बनाने की तैयारी में जीपी मेहरा था।
पिछले साल ही हुआ था रिटायर
प्राप्त जानकारी के अनुसार जीपी मेहरा फरवरी 2024 में लोक निर्माण विभाग से रिटायर हुए थे। उस समय वह चीफ इंजीनियर थे। लोकायुक्त के अनुसार सरकारी सेवा के दौरान जीपी मेहरा अलग-अलग जगहों पर तैनात रहे हैं। इस दौरान काली कमाई की है।
गोविंदपुरा में पीवीसी फैक्टरी
लोकायुक्त को यह भी जानकारी मिली है कि भोपाल के गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में मेहरा की पीवीसी फैक्ट्री भी है। मेहरा की संपत्ति कई जगहों पर है। सबसे अधिक कैश और गोल्ड भोपाल स्थित एक फ्लैट से मिले हैं। यह प्लैट दाना पानी इलाके के ओपल रिजेंसी में है। लोकायुक्त को मणिपुरम कॉलोनी के निवास से लगभग 8.79 लाख नकद, 50 लाख के सोने-चांदी के आभूषण, 56 लाख की फिक्स डिपॉजिट और अन्य कीमती दस्तावेज मिले। इसी तरह ओपल रिजेंसी, दाना पानी स्थित फ्लैट से 26 लाख नकद, लगभग 2.649 किलोग्राम सोना और 5.523 किलो चांदी जब्त की गई है।