आबकारी नीति की बैठक में अवैध शराब का मामला, अधिकारियों की मिलीभगत से दो कंपनियां लगा रहीं एक हजार करोड़ का चूना.


भोपाल। अगले वर्ष की आबकारी नीति पर चर्चा के लिए सोमवार को प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त व वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा ने शराब कारोबारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें आबकारी नीति पर चर्चा तो अधूरी रह गई, लेकिन अवैध शराब के कारोबार का मामला गर्म रहा। बैठक में शराब कारोबारियों ने मंत्री देवड़ा को बताया कि आबकारी विभाग की मिलीभगत से प्रदेश की सिर्फ दो कंपनियां ही अवैध शराब खपाकर सरकार को हर वर्ष एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान करा रही हैं।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में मंत्री देवड़ा ने शराब कारोबारियों से पूछा कि नई आबकारी नीति में वे क्या प्रावधान चाहते हैं? इस पर कारोबारियों ने कहा कि पहले अवैध शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए। जब मंत्री ने इसके बारे में जानकारी चाही तो कारोबारियों ने बताया कि प्रदेश की सिर्फ दो कंपनियां-जीजीएल और जेके इंटरप्राइजेज हर वर्ष 50 से 60 लाख पेटी माल अवैध रूप से बेच रही हैं। इन्हें आबकारी विभाग का भरपूर संरक्षण है, इसी कारण विभाग इन कंपनियों का कुछ गाड़ी माल पकड़कर कार्रवाई की इतिश्री कर लेता है।
केडिया और भाटिया की हैं फैक्ट्रियां
सूत्र बताते हैं कि कारोबारियोंं ने बैठक में मंत्री को बताया कि दोनों कंपनियां धार जिले की हैं। जीजीएल विनय केडिया की है। यह कंपनी कंट्री लीकर और गोवा ब्रांड बनाती है। इसी तरह जेके इंटरप्राइजेज पिंटू भाटिया की है जो लंदन प्राइड और रॉयल्स सेलेक्ट व्हिस्की बनाती है। दोनों कंपनियां सरकार को बिना ड्यूटी चुकाए लगातार बाजार में माल खपा रही हैं।
विभाग की मिलीभगत से चल रहा कारोबार
सूत्रों के अनुसार बैठक में शराब कारोबारियों ने आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल और धार के जिला सहायक आबकारी आयुक्त विक्रमदीप सांगर पर खुलकर आरोप लगाए। कारोबारियों ने कहा कि नियमानुसार फैक्ट्री से अवैध तरीके से गाड़ी निकलते ही उसे सील करने की कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन गाड़ियां पकड़े जाने के बाद भी कुछ नहीं होता। अगर ऐसा ही चलता रहा तो सरकार राजस्व वृद्धि कैसे करेगी? कारोबारियों ने कहा कि ये मामले तो उन्हें पता हैं इसलिए इसका जिक्र कर रहे हैं, आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से पता नहीं और क्या-क्या चलता होगा। कारोबारियों ने कहा कि सरकार आय बढ़ाने की बात सोच रही है, जबकि उनके अधिकारी हर वर्ष एक हजार करोड़ का नुकसान करा रहे हैं। ऐसे में इस पर सख्त निगरानी रखकर दोषियों पर कार्रवाई करने की जरूरत है।
अवैध शराब के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि उनका कर्तव्य है कि अधिकारी अपने मुख्यालय पर रहकर अवैध कार्यो के प्रति सजग रहें। उन्होने कहा कि किसी भी परिस्थिति में मदिरा का अवैध परिवहन न हो तथा संगठित अपराधियों के विरूद्व कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश में शराब के अवैध कारोबार पर पैनी नजर रखी जाएगी और जहां भी अवैध कारोबार या कालाबाजारी की सूचना मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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