देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलगुरु की गाड़ी रोकने पर तीन के खिलाफ एफआईआर, पूर्व कांग्रेस नेता और एक कर्मचारी भी शामिल.


इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों द्वारा कुलगुरु डॉ.राकेश सिंघई की कार रोकने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनमें एक पूर्व कांग्रेस नेता और एक कर्मचारी भी शामिल है।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त आनंद यादव के अनुसार 17 मई को विश्वविद्यालय स्टाफ द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा था। इसी दौरान कुलगुरु डॉ. राकेश सिंघई की कार को रोका गया। उन पर कार से बाहर निकलने के लिए दबाव बनाया गया। यादव ने बताया कि कुलगुरु ने अपनी शिकायत में पूर्व कांग्रेस नेता अजय चौरड़िया, विश्वविद्यालय कर्मचारी दीपक सोलंकी व सोहेल परवेज पर कार रोकने में मदद करने का आरोप लगाया है।भंवरकुआं थाना पुलिस ने तीनों पर भादसं की धारा 532/25, 221, 126, 296, 351 के तहत केस दर्ज किया है। कुलपति ने बताया कि मैं जब कार से उतरा तो मेरा रास्ता गया और मुझे धमकाने की कोशिश भी की गई।
कुलगुरु ने बाहरी तत्वों का हाथ बताया
कुलगुरु डॉ. सिंघई ने बताया कि इनके पूरे आंदोलन के पीछे बाहरी तत्वों का हाथ है। उनके द्वारा इनकी फंडिंग की जा रही है। कर्मचारियों को भोजन करवाया जा रहा है, चाय-नाश्ता भी करवाया जा रहा है। टेंट का खर्च भी बाहरी तत्वों द्वारा दिया गया है।
अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं कर्मचारी
खंडवा रोड स्थित तक्षशिला परिसर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय स्ववित्त संस्थान कर्मचारी (गैर शिक्षक) संघ अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 16 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शनिवार 17 मई को जब कुलगुरु डॉ.राकेश सिंघई तक्षशिला परिसर में एक प्रोग्राम से लौट रहे थे। तभी कर्मचारियों ने कुलगुरु की कार को रोक लिया। वे उनकी कार के सामने खड़े हो गए और जमकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद वे उनकी कार से सामने बैठकर नारेबाजी करने लगे।