Published On :
26-Jul-2024
(Updated On : 26-Jul-2024 02:24 pm )
पंडित जी वैष्णो ढाबे का मालिक सनव्वर है, यूपी सरकार ने अपने फैसले के पक्ष में कोर्ट में दिए सबूत.
Ardhendu bhushan
July 26, 2024
Updated 2:24 pm ET
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कांवड़ यात्रा मार्गों पर दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने को लेकर दिए गए अपने आदेश का बचाव किया है। नेमप्लेट लगाने के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं का विरोध करते हुए यूपी सरकार ने कहा कि उसका इरादा कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से पूरा करवाना है। सरकार ने कहा कि दुकानों के नामों की वजह से पैदा होने वाले भ्रम को दूर करने के लिए ये निर्देश जारी किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तीन ऐसे सबूत भी पेश किए, जिनको आधार बनाकर नेमप्लेट लगवाने का फैसला किया गया। सरकार ने तस्वीरों के साथ कुछ ढाबों के उदाहरण दिए। जैसे 'राजा राम भोज फैमिली टूरिस्ट ढाबा' चलाने वाले दुकानदार का नाम वसीम है। ठीक ऐसे ही 'राजस्थानी खालसा ढाबा' का मालिक फुरकान है। इसी तरह से 'पंडित जी वैष्णो ढाबे' का मालिक सनव्वर है। इसकी वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।
यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि वह चाहती है कि नंगे पैर पवित्र जल ले जा रहे कांवड़ियों की धार्मिक भावना गलती से भी आहत न हो। इसलिए, दुकान के बाहर नाम लिखने का निर्देश दिया गया था। उसने बताया कि कावंड़ मार्ग पर खाने-पीने को लेकर गलतफहमी पहले भी झगड़े और तनाव की वजह बनती रही है, जिस वक्त ये फैसला लागू किया गया था, उस वक्त भी यूपी सरकार ने यही बातें कही थीं। उसका कहना था कि दुकानों के नाम भ्रम पैदा करते हैं।