भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज के मामले में सीएम यादव का सख्त एक्शन, दो सीई सहित सात इंजीनियर सस्पेंड, एक रिटायर्ड एसई की होगी विभागीय जांच.


भोपाल। पूरे देश में हंसी उड़वा चुके भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ऐशबाग आरओबी में गड़बड़ियों को लेकर सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही के मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले में दो चीफ इंजीनियर (सीई) सहित सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक सेवानिवृत सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (एसई) के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक्स पर कहा कि इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन प्रस्तुत करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। सीएम यादव ने कहा कि रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में आवश्यक सुधार के लिए एक कमेटी बनाई गई है। सुधार के बाद ही इस आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों सीएम यादव ने भोपाल के एक कार्यक्रम गलती करने वालों पर कार्रवाई की बात कही थी।
पूरे देश में उड़ रही थी हंसी
उल्लेखनीय है कि ऐशबाग आरओबी अपने 90 डिग्री एंगल के मोड़ से पूरे देश में सुर्खियों में बना हुआ है। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने भी इसकी जांच कराई। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने इसकी जांच की। इंजीनियरों ने भी 90 डिग्री का टर्निंग होने से बड़ा हादसा होने की संभावना जताई। अब उन लोगों को चिंह्नित किया जा रहा है, जो ब्रिज को बनाने के जिम्मेदार हैं। इसकी टर्निंग भी सही की जा रही है। सोशल मीडिया पर लंबे समय से यह ब्रिज छाया रहा। इस पर मीम्म भी बने और लोगों ने उस इंजीनियर के दिमाग को दाद दी, जिसने इसे 90 डिग्री का मोड़ दिया। लोग सवाल उठा रहे हैं कि यहां वाहन कैसे टर्न लेंगे। टर्न लेते समय वाहनों के ब्रिज की दीवार से टकराने का खतरा है।
रेलवे ने भी डिजाइन पर ली थी आपत्ति
इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू हुआ था और इसे 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन अब तक पूरी तरह से नहीं बन सका है। इसकी लागत 18 करोड़ रुपए है। 648 मीटर लंबे और 8 मीटर की चौड़ाई वाले ब्रिज का 70 मीटर हिस्सा रेलवे का है। शुरू में रेलवे ने भी इसकी डिजाइन पर आपत्ति उठाई थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों ने यहां जगह कम होने का हवाला देते हुए कहा था कि और कोई विकल्प नहीं है। ऐशबाग रेलवे क्रॉसिंग बंद होने के बाद इस इलाके के लिए आरओबी एक बड़ी जरूरत है। इसलिए कम जगह में भी इसे बनाना होगा।