स्वच्छ इंदौर के बाद अब डिजिटल इंदौर, महापौर ने घरों में क्यूआर कोड लगाकर की शुरुआत, एक स्कैन से मिलेंगी कई जानकारियां.


इंदौर। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब डिजिटल इंदौर बन रहा है। शहर में साढ़े चार लाख से ज्यादा मकानों का डिजिटल पता रहेगा। घरों व फ्लैटों के बाहर क्यूआर कोड लगा रहेगा। स्कैन करते ही मोबाइल पर डिजिटल पेज खुल जाएगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने रविवार को सुदामा नगर के घरों में क्यूआर कोड लगाकर इसकी शुरुआत की।
इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक घर के बाहर एक डिजिटल प्लेट लगाई जाएगी, जिसमें जीपीएस आधारित यूनिक डिजिटल पता रहेगा। स्वच्छता रेटिंग, नागरिक सेवाओं से संबंधित जानकारी क्यूआर कोड में शामिल होगी। इस कोड को स्कैन कर संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारियां मोबाइल पर प्राप्त की जा सकेंगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि हमने इंदौर को स्वच्छ, हरित और सोलर युक्त शहर बनाने की दिशा में कई कार्य किए हैं। अब डिजिटल प्लेट के साथ हम डिजिटल इंदौर की नींव भी रख रहे हैं। यह प्रयास इंदौर को वैश्विक स्मार्ट शहरों की सूची में स्थापित करने में मदद करेगा। सुदामा नगर डिजिटल इंदौर का पहला मॉडल बन रहा है। जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा को दो पोटलियां दी थीं, वैसे ही यहां भी डिजिटल प्लेट, सड़कें और अब ड्रेनेज कार्यों की सौगात दी जा रही है। मेरे लिए यह क्षेत्र काशी के समान पवित्र है। महापौर ने यह भी बताया कि आने वाले समय में नर्मदा माता, स्वामी विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं की स्थापना का संकल्प भी वर्ष के अंत तक पूरा किया जाएगा।
क्या है इस सिस्टम की खासियत
1. यूनिक डिजिटल एड्रेस कोड (DAC): प्रत्येक संपत्ति को मिलेगा एक विशिष्ट डिजिटल कोड
2. QR कोड युक्त डिजिटल प्लेट: QR कोड स्कैन करने पर प्राप्त होंगी सभी जानकारियां - नाम, टैक्स, स्वच्छता आदि
3. स्मार्ट कनेक्टिविटी: पानी, सफाई, कर, शिकायत जैसे सभी नागरिक सेवा एक प्लेटफॉर्म पर एकीकृत
4. डिजिटल गवर्नेंस का आधार: सरकारी सेवाएं सटीक लोकेशन पर सुलभ
लोगों को क्या होगा फायदा-
- सभी सेवाएं एक स्कैन पर
- टैक्स, शिकायतें, सफाई मॉनिटरिंग में पारदर्शिता
- ई-कॉमर्स, डाक, सरकारी योजनाओं में सटीक डिलीवरी
- संपत्ति स्वामित्व में प्रमाणिकता
- आपदा या मेडिकल इमरजेंसी में लोकेशन ट्रेसिंग आसान