प्रशासन की आंखों में धूल झोंक रहे देवी अहिल्या संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा, इस्तीफा न देना पड़े इसलिए कैंसिल कर दी संचालक मंडल की बैठक.


इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहाकारी संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा जिला प्रशासन और सहकारिता विभाग की आंखों में धूल झोंकने में लगे हुए हैं। कलेक्टर के 15 दिन के अल्टीमेटम के बाद भी वे सदस्यों की सूची फाइनल करने की बजाए अब नए-नए पैंतरे कर रहे हैं। गुरुवार को संचालक मंडल की बैठक में इस्तीफे की पेशकश तो कर दी, लेकिन यह कहकर इस्तीफा नहीं दिया कि सभी सदस्य उपस्थित नहीं है। शुक्रवार सुबह 10.30 बजे बैठक बुलाई थी, लेकिन उसे इसलिए निरस्त कर दिया कि इस्तीफा न देना पड़े।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन के दबाव के बाद देवी अहिल्या संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा ने गुरुवार को संचालक मंडल की बैठक बुलाकर इस्तीफे का ड्रामा किया। संचालक मंडल के 9 में से 6 सदस्यों के उपस्थित होने के बाद भी यह कहकर कि सारे लोग नहीं आए हैं, इस्तीफा नहीं दिया और कहा कि शुक्रवार को बैठक बुला रहा हूं, उसमें इस्तीफा दूंगा। बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि जब आप इस्तीफा देने चाहते हो तो आज ही दे दो, लेकिन अजमेरा ने कहा कि शुक्रवार को दूंगा। इसका कारण अजमेरा के खासमखास उपाध्यक्ष मनोज काला और दो अन्य सदस्यों का उपस्थित नहीं होना था।
सुबह आठ बजे घर पर अपने लोगों को बुला लिया
सूत्र बताते हैं कि विमल अजमेरा ने आज यानी शुक्रवार सुबह आठ बजे घर पर ही अपने समर्थक सदस्यों को बुला लिया। इसमें उपाध्यक्ष मनोज काला, संचालक रवींद्र मिश्रा शामिल थे। इसके अलावा साकेत बड़ोनिया और प्रभात मंत्री को भी बुलाया था। उनसे संस्था के वॉट्सएप ग्रुप पर यह मैसेज करा दिया कि वे लोग आज बैठक में शामिल नहीं हो सकते। इसके कुछ देर बाद अजमेरा ने आज की बैठक निरस्त होने की सूचना ग्रुप पर डाल दी। दरअसल अजमेरा किसी भी तरह सिर्फ समय पास करना चाहते हैं, ताकि कलेक्टर और सहकारिता विभाग की आंखों में धूल झोंका जा सके।
इस्तीफा लिखकर लाए थे, दिया नहीं
गुरुवार को बुलाई बैठक में 9 सदस्यों में छह सदस्य उपस्थित थे। अजमेरा ने बैठक की मिनिट्स में अपने इस्तीफे का भी जिक्र किया लेकिन जो हार्ड कॉपी लेकर आए थे, वह नहीं दिया। दरअसल अजमेरा, उपाध्यक्ष मनोज काला या किसी अपने समर्थक को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं और संचालक मंडल के अन्य सदस्य इसके लिए राजी नहीं हैं। अब अजमेरा किसी तरह दांव-पेंच कर संस्था पर डमी बिठाने की जुगत में लगे हैं।
सूची के वेरिफिकेशन में कोई रुचि नहीं
रविवार को कलेक्टोरेट में हुई बैठक में कलेक्टर ने अजमेरा को 15 दिन में सूची के वेरिफिकेशन की स्पष्ट चेतावनी दी थी, लेकिन अजमेरा ने इस दिशा में कोई कोशिश नहीं की। सहकारिता विभाग ने 11 जून को नोटिस दिया, जिसका जवाब 15 दिन में देना था, लेकिन अजमेरा ने उसमें भी रुचि नहीं दिखाई। अजमेरा की कोशिश है कि इस बार भी किसी तरह से इस मामले को टाल दिया जाए। अगर इस्तीफा देकर डमी बिठा दें तो भी मामले को आगे बढ़ाया जा सकता है। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन और सहकारिता विभाग अजमेरा पर क्या एक्शन लेता है।
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