मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के मामले में बोले सिंधिया-कमलनाथ की टिपप्णियों से परेशान होकर लिया था एक्शन.


नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने को लेकर दिग्विजय सिंह के बयान के बाद सियासत गरम है। कमलनाथ के पलटवार के बाद मामला और उलझ गया है। अब इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। दिल्ली में मीडिया से चर्चा के दौरान सिंधिया ने कहा कमलनाथ जी मुझे लेकर सार्वजनिक तौर पर टिप्पणियां करते थे। ये बातें जब पार्टी के भीतर उठी तो उनसे इन पर माफी मांगने को लेकर कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। अगर बंद कमरे में कोई बात होती तो मामला खत्म हो जाता। इन्हीं सभी घटनाक्रम के बाद मुझे एक्शन लेना पड़ा, क्योंकि हर चीज की एक लिमिट होती है।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि जब बात सम्मान और स्वाभिमान की होती है तो सोचना पड़ता है। बंद कमरे में मेरे और मेरे परिवार के लिए कई बार बहुत सी बातें बोली गईं, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। जब सार्वजनिक तौर मेरे और परिवार के खिलाफ कुछ बातें बोली गईं तो मुझे एक्शन लेना पड़ा। दिग्विय सिंह और कमलनाथ को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं से मेरे परिवार के वर्षों पुराने संबंध हैं। जब कभी दिग्विजय सिंह जी मेरे पिता जी से मिलने घर आते थे। तब पिताजी किसी अन्य काम में व्यस्त होते थे तो दिग्विजय सिंह जी के साथ बैठने और बातचीत करने की जिम्मेदारी मेरी होती थी। कमलनाथ जी भी मेरे पिताजी के समकक्ष हैं। मैं बचपन से उन्हें कमल अंकल कहकर बुलाता आया हूं।
दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ को ठहराया था जिम्मेदार
उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह ने एक पॉडकास्ट में कहा था कि कांग्रेस की सरकार उनकी वजह से नहीं बल्कि कमलनाथ की वजह से गिरी थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैंने पहले ही चेतावनी दी थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जा सकते हैं। इसके बाद एक बड़े उद्योगपति हैं, जिनके कमलनाथ और सिंधिया दोनों से अच्छे संबंध हैं। उनके पास जाकर मैंने कहा था कि आप बात कीजिए, वरना दोनों की लड़ाई में हमारी सरकार गिर जाएगी। इसके बाद उद्योगपति के घर डिनर पर हम मिले। जहां मामला निपटाने की कोशिश की गई, लेकिन जिन मुद्दों पर वहां बात हुई, बाद में उसका पालन नहीं हुआ। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर कमलनाथ ने कहा था कि सिंधिया यह समझते थे कि सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे हैं। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरी।