मंत्री विजय शाह के बड़बोलेपन ने कटवा दी भाजपा की नाक.


पहलगाम हमले के बाद भाजपा ने काफी सोच-विचार के बाद ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति बनाई। जब ऑपरेशन सफल हो गया तो इसकी प्रेस ब्रीफिंग सेना के दो महिला अफसरों से कराई गई जिसमें से एक कर्नल सोफिया कुरैशी थीं। भाजपा ने सोफिया कुरैशी को सामने लाकर पूरे विश्व को यह साफ संदेश देने की कोशिश की थी कि आतंकवाद के खिलाफ अभियान में पूरा देश एकजुट है। यह सारी रणनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की थी।
मध्यप्रदेश के एक मंत्री हैं कुंवर विजय शाह। उन्होंने आज कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक बयान देकर पूरी भाजपा को हिला दिया है। जैसे ही उनका बयान वायरल हुआ, भाजपा के वरिष्ठ नेता तक चौंक गए। कांग्रेस के भी बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया और उसने लगे हाथ विजय शाह का इस्तीफा भी मांग लिया है। महू में आयोजित एक कार्यक्रम में मंच से शाह ने कहा था कि जिन लोगों ने हमारी बेटियों का सिंदूर उजाड़ा था, मोदी जी ने उन्हीं की बहन भेजकर उनकी ऐसी की तैसी करा दी। बयान पर बवाल के बाद मीडिया से बातचीत में विजय शाह ने कहा कि उनका इरादा किसी का अपमान करने का नहीं था और यदि उनके बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वे कई बार माफी मांगने को तैयार हैं।
कुछ ही देर में मामला इतना गर्मा गया कि भाजपा संगठन ने तुरंत विजय शाह को भोपाल प्रदेश मुख्यालय तलब कर लिया। प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा के पास विजय शाह भागे-भागे हवाई चप्पल में ही पहुंच गए। बताया जाता है कि शाह ने अपने बयान को लेकर हितानंद शर्मा से माफी मांगते हुए आगे से ऐसा नहीं करने का आश्वासन दिया है। संगठन महामंत्री से मिलने के बाद विजय शाह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी मिले और सफाई दी।
विजय शाह के प्रकरण में भाजपा संगठन को यह समझना होगा कि यह मामला सिर्फ डांट-डपट और सफाई देने से नहीं सुलझने वाला। विजय शाह के बयान ने पूरे देश में भाजपा की किरकिरी कराई है। वह भी ऐसे संवेदनशील मामले में जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने काफी सोच-समझकर दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था।
ऐसे में छोटी-छोटी बातों पर राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को हटाने वाली भाजपा को विजय शाह पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। भाजपा के नेताओं का ही मानना है कि उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाकर एक कड़ा संदेश देना चाहिए, ताकि आइंदा कोई भाजपा नेता ऐसा करने की हिम्मत न करे।