मध्यप्रदेश में हाथियों के संरक्षण के लिए नई योजना को कैबिनेट की मंजूरी, धार्मिक सर्किट भी विकसित होगा.


भोपाल। मध्यप्रदेश में हाथियों के संरक्षण के लिए नई योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना पर 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपए खर्च होंगे। मंगलवार को भोपाल में सीएम डॉ.मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई। इसके साथ ही प्रदेश में धार्मिक सर्किट विकसित करने का फैसला भी लिया गया।
कैबिनेट ने जंगली हाथियों के प्रबंधन हेतु 4 वर्षों के लिए राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये की योजना क्रमांक 9854 की सैद्धातिंक स्वीकृति दी है। इस योजना में हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 एवं वर्ष 2024-25 में कुल राशि रूपये एक करोड़ 52 लाख 54 हजार रूपये खर्च की गई है। निर्णय अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में योजना में राशि 20 करोड़ रूपये और वर्ष 2026-27 में 25 करोड़ 59 लाख 15 हजार रूपये का प्रावधान किया गया। इस तरह आगामी 2 वर्षों सहित कुल 4 वर्षों (वर्ष 2023-24 से 2026-27 तक) के लिए योजना का आकार राशि 47 करोड़ 11 लाख 69 हजार रुपये निर्धारित किया गया है।
प्रदेश के ऐसे संरक्षित क्षेत्र जहां हाथियों का आवागमन या उपस्थिति है उनमें एवं संरक्षित क्षेत्रों के बाहर जंगली हाथियों की सुरक्षा एवं अनुश्रवण, रहवास प्रबंधन तथा विकास के लिए योजना बनाई गयी है। जंगली हाथियों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम, वन्यजीव मानव द्वंद को रोकने के लिए विभिन्न संरचनाएं बनाई जाएंगी। ई-आई सर्विलेंस स्थापित किया जाएगा। इससे हाथियों के आने की सूचना पहले ही मिल जाएगी। वन्य-प्राणियों के रेस्क्यू और पुनर्वास के लिए कार्य किया जाएगा।
गांव के लोगों को प्रशिक्षित करेंगे
योजना के तहत प्रभावित क्षेत्रों में मानव-हाथी द्वंद से निपटने के लिए ग्रामीणों, वन विभाग और अन्य विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभिन्न प्रकार की फेसिंग कार्य किया जाएगा, जिसमें सोलर फेंसिंग भी शामिल है। मानव-हाथी द्वंद के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया जाएगा और आवश्यक उपकरण क्रय किए जाएंगे। निगरानी और ट्रेकिंग कार्य के लिए पेट्रोलिंग वाहन और रेडियो कॉलर क्रय किए जाएंगे। साथ ही हाथी मित्र दल का गठन किया जाएगा।
धार्मिक सर्किट किया जाएगा विकसित
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों को जोड़ते हुए धार्मिक सर्किट विकसित किया जाएगा। इस सर्किट में महेश्वर, ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, भीमाशंकर जैसे तीर्थस्थलों को शामिल किया जाएगा। इससे श्रद्धालुओं को एक संगठित यात्रा योजना के तहत दर्शन की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा भगवान श्रीकृष्ण के पदचिह्नों से जुड़े स्थलों को भी दोनों राज्यों में विकसित किया जाएगा। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को एक साझा अभियान के तहत संरक्षित और प्रचारित किया जाएगा।
नदी जोड़ो अभियान में महाराष्ट्र के साथ एमओयू
मुख्यमंत्री ने बताया कि नदी जोड़ो अभियान के तहत महाराष्ट्र सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत भविष्य में रोजगार, व्यापार, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दस्तावेजों के संरक्षण को लेकर साझा प्रयास किए जाएंगे। मोड़ी लिपि, जो अब लगभग लुप्त हो चुकी है, को संरक्षित करने और इसके अध्ययन के लिए विद्यार्थी तैयार करने की दिशा में भी काम शुरू किया जाएगा।
इंदौर में 20 मई को होगी कैबिनेट बैठक
कैबिनेट ने निर्णय लिया कि 20 मई को इंदौर के राजवाड़ा में विशेष कैबिनेट बैठक आयोजित की जाएगी, जो देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को समर्पित होगी। इसके अलावा पुणे में भी अहिल्याबाई के जन्मस्थल पर विशेष आयोजन और बैठक की योजना बनाई गई है। राज्य में निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने