संभागायुक्त ने इंदौर के सहायक खनिज अधिकारी डामोर के खिलाफ विभागीय जांच के दिए आदेश, पेटलावद के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कटारा निलंबित.


इंदौर। इंदौर जिले में अवैध उत्खनन का मामला बढ़ता जा रहा है। खनिज विभाग की अधिकारियों की मिलीभगत से खनिज माफिया सक्रिय हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व होता है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने ऐसे अधिकारियों पर अब एक्शन लेना शुरू कर दिया है। संभागायुक्त ने इंदौर के सहायक खनिज अधिकारी चेनसिंह डामोर के विरूद्ध विभागीय जांच करने के आदेश दिए है। यह जांच अपर कलेक्टर इंदौर को सौंपी गई है एवं विभागीय जांच कर दो माह में प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए हैं। एक अन्य कार्रवाई में संभागायुक्त ने अभद्र और अशोभनीय व्यवहार करने पर पेटलावद के प्रभारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुरेश कटारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि अवैध उत्खनन, राजस्व हानि तथा जारी किये गये आदेशों को गंभीरता से न लेकर शासकीय कार्य, पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता बरतने पर गत फरवरी माह में सहायक खनि अधिकारी चेनसिंह डामोर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। उनसे प्रत्युत्तर चाहा गया। डामोर व्दारा प्रस्तुत जवाब समाधानकारक नहीं पाये जाने से आरोपों की विस्तृत जांच हेतु उनके विरूद्ध विस्तृत विभागीय जांच संस्थित की गई है। अपर कलेक्टर जिला इन्दौर को प्रकरण का जांचकर्ता अधिकारी बनाया गया है।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर कटारा निलंबित
संभागायुक्त दीपक सिंह ने विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने, समय-समय पर चेतावनी दिये जाने के बावजूद भी अभद्र और अशोभनीय व्यवहार करने पर इंदौर संभाग के झाबुआ जिले के पेटलावद में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी ब्लाक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुरेश कटारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई कलेक्टर झाबुआ से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर की गई है। कलेक्टर झाबुआ नेहा मीणा से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार गत फरवरी माह में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान विकासखंड पेटलावद में शेष आयुष्मान कार्ड बनाये जाने की संख्या में भिन्नता होने से डॉ. सुरेश कटारा प्रभारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर पेटलावद जिला झाबुआ से इस संबंध में चर्चा करने पर उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। बैठक में अभद्रता की गई, जिससे बैठक में व्यवधान उत्पन्न हुआ। डॉ. कटारा द्वारा बैठक में उक्त अभद्रता अशोभनीय व शासकीय सेवक से अपेक्षित नहीं होकर अमर्यादित था। इसके अतिरिक्त डॉ. कटारा की कार्यप्रणाली विकासखंड पेटलावद में भी ठीक नहीं होने से पूर्व में भी कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गए।