श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष मोनू भाटिया और महासचिव बंटी भाटिया के लोगों के बीच संत नगर गुरुद्वारे में विवाद, कई संगत बिना लंगर छके ही चली गई.


इंदौर। इंदौर के श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष हरपाल सिंह उर्फ मोनू भाटिया और महासचिव प्रितपाल सिंह उर्फ बंटी भाटिया के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। सुदामा नगर गुरुद्वारे के बाद यह मामला अब संत नगर गुरुद्वारे में भी पहुंच गया। शनिवार सुबह संत नगर गुरुद्वारे में बंटी भाटिया एवं मोनू भाटिया के लोगों के बीच जमकर विवाद हुआ।
उल्लेखनीय है कि मोनू भाटिया ने पिछले दिनों सुदामा नगर और संत नगर गुरुद्वारे की कमेटी बनाई थी। इसमें महासचिव बंटी भाटिया ने संशोधन कर अपने लोगों को शामिल किया था। बंटी भाटिया द्वारा बनाई गई कमेटी का शनिवार को गुरुद्वारा संत नगर में स्वागत समारोह रखा गया था। इसमें मोनू भाटिया और बंटी भाटिया के लोगों के बीच विवाद हो गया।
संशोधन का लोगों ने जताया विरोध
बताया जाता है कि बंटी भाटिया ने जब अपने लोगों को स्वागत के लिए मंच पर बुलाया तो संत नगर गुरुद्वारे के लोगों ने इस पर आपत्ति ली। मोनू भाटिया के लोगों ने इस संशोधन को लेकर सवाल खड़े किए इस पर विवाद हुआ। लोगों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। इसके कारण वहां की साध संगत गुरुद्वारे से नीचे उतर गई। बताया जाता है कि कई संगत बिन लंगर छके ही घर चली गई। इसके कारण लोगों में गुस्सा है।
सुदामा नगर में भी हो चुका है विवाद
शुक्रवार को सुदामा नगर गुरुद्वारा में भी विवाद की स्थिति बनी थी। शुक्रवार को सुदामा नगर गुरुद्वारा में मोनू भाटिया द्वारा गठित कमेटी द्वारा अपने कार्य की शुरुआत करनी थी। हर माह की तरह गुरु घर की गोलक स्थानीय संगत के साथ गिनी जानी थी। सुदामा नगर कमेटी व स्थानीय संगत के पहुंचने के पूर्व ही श्री गुरु सिंह सभा के महासचिव बंटी भाटिया अपने कुछ साथियों के साथ गुरुद्वारा सुदामा नगर पहुंचे और गुरु घर की गोलक खोलकर संगत की माया (पैसे) बंटी भाटिया अपने साथ ही ले गए। वहां की स्थानीय संगत देखती ही रह गई, क्योंकि गुरुद्वारे की गोलक वहां की स्थानीय संगत द्वारा गिनने की सेवा की जाती है।
एक-दूसरे के अधिकारों पर उठा रहे सवाल
सुदामा नगर और संत नगर गुरुद्वारे में नियुक्तिों को लेकर मोनू भाटिया और बंटी भाटिया में ठनी हुई है। अध्यक्ष मोनू भाटिया ने महासचिव बंटी भाटिया को पत्र लिखकर आपत्ति जताते हुए कहा था कि श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष द्वारा सुदामा नगर एवं संत नगर गुरुद्वारा समितियों का गठन किया गया था। आपने अध्यक्ष की सहमति के बिना उक्त समितियों के आदेश में संशोधन किया है। यह आपके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। इसका जवाब देते हुए बंटी भाटिया ने नियमों के हवाले से लिखा था कि यह अधिकार आपके पास भी नहीं है कि आप अकेले कोई समिति का गठन कर सकें। इन समितियों को गठित करने के लिए कार्यकारिणी सदस्यों की सहमति अति आवश्यक है। तब से यह विवाद जारी है।