देवी अहिल्या गृह निर्माण संस्था के संचालकों को कलेक्टर की चेतावनी-अगर 15 दिन में पात्र लोगों की सूची नहीं दी तो होगी एफआईआर.


इंदौर। शहर की गृह निर्माण संस्थाओं में लंबे समय से अपने प्लॉट की आस लिए बैठे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए रविवार को कलेक्टर कार्यालय में बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें कई गृह निर्माण संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। सबसे ज्यादा विवादित देवी अहिल्या श्रमिक कामगार संस्था के संचालकों को कलेक्टर ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 15 दिन के अंदर पात्र-अपात्र सदस्यों की सूची जारी नहीं करते तो उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से देवी अहिल्या श्रमिक कामगार संस्था सहित अनेक गृह निर्माण संस्थाओं ने फर्जीवाड़ा कर संस्था के मूल सदस्यों को प्लॉट नहीं दिया है। इसके बदले कई कॉलोनियों में दूसरे लोगों को प्लॉट दे दिए गए और कई जगह तो मकानों का निर्माण भी हो गया है। इसको लेकर शासन स्तर पर लंबे समय से कवायद चल रही है। जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कई प्लॉटधारकों को प्लॉट भी दिए थे, लेकिन इसके बाद भी उन्हें कब्जा नहीं मिला। बैठक में देवी अहिल्या गृह निर्माण, शीतल गृह निर्माण, वेदमाता, ग्रीन पार्क, रघुवंशी, नवभारत आदि के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
सीएम के निर्देश पर बुलाई थी बैठक
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि लंबे समय से गृह निर्माण संस्थाओं का मसला चल रहा है। इसके कारण आम प्लॉटधारक परेशान हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि सभी को न केवल प्लॉट पर कब्जा मिले बल्कि वैधानिक रूप से उनकी रजिस्ट्री भी कराई जाए। इसी को लेकर हम लोग काम कर रहे हैं और आज सात गृह निर्माण संस्थाओं के संचालक मंडल और उनके प्रतिनिधियों को बुलाया गया था।
प्रमुख रूप से तीन मुद्दे
कलेक्टर सिंह ने बताया कि बैठक में प्रमुक रूप से तीन मुद्दे सामने आए। पहला जहां संचालक मंडल नहीं है, वहां उसकी नियुक्ति हो। इसके लिए हम काम करेंगे, ताकि जल्द ही चुनाव हो। दूसरा प्रमुख मुद्दा है जहां संचालक मंडल है, लेकिन वरीयता सूची फाइनल नहीं है, उसे तत्काल हल किया जाए। कुछ सोसायटी हैं, जिसकी सूची प्रशासन ने जांच कर भेज दी है। उनके लिए समय सीमा तय कर दी गई है। तीसरा मुद्दा आईडीए, सहकारिता तथा अन्य विभागों की एनओसी आदि से जुड़ा है। उसके लिए भी समय सीमा तक कर दी गई है। एक माह के अंदर जो भी पेंडिंग मुद्दे हैं उनका निराकरण कर लिया जाएगा।
देवी अहिल्या संस्था को स्पष्ट चेतावनी
कलेक्टर सिंह ने बताया कि पूर्व के वर्षों में इस दिशा में सार्थक प्रयास हुए, लोगों को कब्जा तो दिला दिया गया, लेकिन विधि के अनुसार वरीयता सूची बननी है या रजिस्ट्री होनी है उसमें गैप था। उसे पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। देवी अहिल्या संस्था को तो स्पष्ट निर्देश दे दिए हैं कि 15 दिनों में सूची उपलब्द कराएं। उन्हें प्रशासन की तरफ से जो सूची भेजी है तो उस पर टिप के साथ सहमति या असहमति देनी है। अगर यह पता लगा कि संचालक मंडल अगर आम प्लॉटधारकों के हित में काम नहीं कर रहा तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
171 को मुक्त करने का प्रस्ताव जल्द
कलेक्टर ने बताया कि इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 171 को मुक्त करने के लिए आईडीए की तरफ से काम चल रहा है। आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। जागृति गृह निर्माण संस्था की गड़बड़ियों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि आज इस संबंध में चर्चा नहीं हुई। आगामी दिनों में इस पर काम करेंगे।
राजगृहि संस्था का भी होगा निराकरण
कलेक्टर ने बताया कि राजगृहि संस्था की विकास अनुमति का मुद्दा हाईकोर्ट में पड़ा है। नगर निगम की तरफ से जो भी जवाब प्रस्तुत करना है उसके लिए एक माह का समय तय किया गया है। उसका एक ऑडिट भी होना इसके लिए भी एक माह का समय तय किया गया है। यह भी संज्ञान में आया है कि दूसरी संस्ताएं भी जांच कर रही हैं तो उसकी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। इसकी सत्यापित प्रतिलिपियां हमारे द्वारा प्राप्त कर ऑडिट के लिए दिया जाएगा, जिससे आगे बढ़ा जा सके।
देवी अहिल्या के संचालकों पर भड़के कलेक्टर
कलेक्टर आशीष सिंह ने आज हुई बैठक में देवी अहिल्या संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा को अंतिम चेतावनी दी है। कलेक्टर ने कहा कि हमने जो आपको लिस्ट भेजी है उसके आधार पर लिस्ट बनाने को कहा है। 15 दिन में दे रहे हो कि कौन पात्र है। अगर नहीं देते तब मैं समझ लूंगा कि आप लोग नहीं करना चाहते। तब मैं कार्रवाई करूंगा। यह कार्रवाई सिर्फ सोसायटी एक्ट के तहत नहीं होगी, दूसरे तरीके के एफआईआर भी मैं करूंगा। मुझे पता लगता है कि कोई अड़ंगा लगाता है तो मैं कार्रवाई करूंगा। आपके पास सारे कागज हैं, भेज दिया गया है। उसके आधार पर कार्रवाई करूंगा। दूसरे एक्ट में कार्रवाई करूंगा कि आप लोग परेशान होते घूमोगे। हम कोई नाजायज काम करने का नहीं बोल रहे।
देवी अहिल्या को सहकारिता ने भेजा था नोटिस
देवी अहिल्या संस्था इस फर्जीवाड़े में सबसे ज्यादा आगे है। हाईकोर्ट के आदेश पर कलेक्टर द्वारा गठित कमेटी ने अयोध्यापुरी और महालक्ष्मीनगर के पात्र प्लॉटधारकों की सूची तैयार कर संस्था को भेज दी। इसके बाद भी संस्था अध्यक्ष विमल अजमेरा तथा उपाध्यक्ष मनोज काला सूची नहीं भेज रहे। इतना ही नहीं अजमेरा अपने मनमर्जी से सदस्यों का नाम भेजकर सहकारिता विभाग पर रजिस्ट्री का दबाव बना रहे हैं।