जिस भ्रष्ट प्रभारी खनिज अधिकारी ने लगाया सरकार को 140 करोड़ का चूना, ट्रांसफर होने के बाद भी उसे रिलीव नहीं कर रहे अफसर.


इंदौर। खनिज विभाग में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। खनिज माफिया से मिलीभगत होने के कारण अधिकारी तो मालामाल होते रहते हैं, लेकिन सरकार के हाथ कुछ नहीं लगता। ताजा मामला इंदौर के प्रभारी खनिज अधिकारी जयदीप नामदेव का है। नामदेव ने एक अवैध खनन के मामले में 140 करोड़ का जुर्माना तो लगा दिया, लेकिन मिलीभगत से ऐसा खेल कर दिया कि सरकार के खाते में एक रुपए भी नहीं आए और अब मामला रफा-दफा करने की तैयारी है। नामदेव का जलवा ऐसा कि 14 जनवरी 2025 को ट्रांसफर होने के बाद भी इन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा, जबकि इनके खिलाफ विभागीय जांच भी चल रही है।
उल्लेखनीय है कि 19 अगस्त 23 को ग्राम बारोली, तहसील मल्हारगंज के सर्वे क्रमांक 3/1/2 और 3/1/1/2 रकबा 3.40 हेक्टेयर व 5.503 हेक्टेयर क्षेत्र पर अवैध पत्थर-मुरम के अवैध उत्खनन का मामला पकड़ा था। जिस जमीन पर खुदाई हो रही थी वह राजस्व में रिकॉर्ड में ईडन गार्डन गृह निर्माण सहकारी संस्था तर्फे निलेश पिता बनवरीलाल पसारी और मेहरबान सिंह पिता प्रेमसिंह राजपूत के नाम दर्ज है। खदान का आवंटन विष्णुप्रसाद शुक्ला के नाम पर हुआ था। जांच के बाद जयदीप नामदेव ने संजय शुक्ला, राजेंद्र और ईडन गार्डन सोसायटी और मेहरबान सिंह के नाम से 140 करोड़ की पेनल्टी लगा दी। नामदेव ने इसकी खबर भी अखबारों में प्रकाशित करा दी और वाहवाही लूटने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
पांच महीने देरी से एडीएम को सौंपी रिपोर्ट
इस कार्रवाई के बाद नामदेवजी चुप्पी साध गए और अधिकारियों के बार-बार पूछने के बाद लगभग पांच महीने बाद 29 जनवरी 2024 को इसकी रिपोर्ट एडीएम को सौंपी। इस दौरान मामले को कमजोर करने के सारे प्रयास नामदवेजी की मिलीभगत से खनिज माफियाओं ने किए। इसमें मौके से सील की गई क्रेशर मशीन, औजार, यंत्र और उपयोग में की गई सामग्री सब गायब करा दिए गए। इसकी जानकारी होने के बावजूद नामदेव ने कोई शिकायत या एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश नहीं की। यहां तक कि वरिष्ठ अधिकारयों को भी अंधेरे में रखा।
नियमानुसार अभिरक्षा में ही रखे जाते हैं जब्त सामान
मध्यप्रदेश खनिज (अवैध खनन, परिवहन तथा भंडारण का निवारण) नियम 2022 के नियम 23 में बताई गई प्रक्रिया तथा नियम 24 (6) में बताई गई प्रक्रिया में नियमानुसार अवैध उतखनन में प्रयोग की गई सामग्री, सील की गई क्रेशर मशीन जब्त कर नजदीकी पुलिस थाना, स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायत, एसडीएम, तहसलीदार, ग्राम कोटवाल आदि की निगरानी में रखा जाना आवश्यक है। जयदीप नामदेव ने खनिज माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा नहीं किया। इससे सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व का नुकसान पहुंचाया।
खनिज अधिकारी लुणावत का ट्रांसफर करा दिया
खनिज अधिकारी संजय लुणावत ने क्रेशर मशीन की सुपुर्दगी नहीं करने पर जयदीप नामदेव को 19-12-2024 को नोटिस जारी किया। इसमें पूछा गया था कि उन्होंने क्रेशर मशीन नियमानुसार अभिरक्षा में क्यों नहीं दी। इसमें सहायक खनिज अधिकार चैनसिंह डामोर के प्रतिवेदन का हवाला भी दिया गया था। जिसमें कहा गया था कि आपने पंचनामा काफी विलंब से प्रस्तुत किया गया । इस नोटिस में सील क्रेशर मशीन के बारे में पूछा गया था और यह भी कहा गया था कि अगर यह चोरी हो गई है तो इसकी अग्रिम कार्यवाही प्रस्तावित की जाए। ताज्जुब की बात यह कि इस नोटिस के कुछ ही दिनों लुणावत का ट्रांसफर करा दिया गया और नामदेव प्रभारी बन बैठे।
खनिज माफियाओं के लिए किया केस कमजोर
खनिज माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए नामदेव ने मौके से जब्त सारी सामग्री और सील की गई क्रेशर मशीन गायब होने दी। इससे केस कमजोर पड़ा और अब खनिज माफिया सीना ठोककर कोर्ट जाने की तैयारी में है। जब्त और सील क्रेशर मशीन गायब होने के कारण निश्चित तौर पर सरकार को काफी नुकसान होना है।
विभागीय जांच के बाद भी प्रभारी बनाया
मध्यप्रदेश सरकार के नियमानुसार जिस अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही हो, उसे प्रभारी नहीं बनाया जा सकता। इस संबंध में प्रमुख सचिव खनिज साधन विभाग ने 3-10-23 के एक पत्र जारी कर निर्देश दिए थे। इसमें कहा गया था कि यदि कोई विभागीय जांच या आपराधिक प्रकरण अथवा दंडादेश आदि लंबित हो, उसे उच्चतर पद का प्रभार न दिया जाए। नामदेव के खिलाफ कई शिकायतें हैं और संभागायुक्त इंदौर द्वारा विभागीय जांच भी की जा रही है। इसके बावजूद नामदेव को सहायक खनिज अधिकारी से प्रभारी खनिज अधिकारी बना दिया गया। 14 जनवरी 2025 को नामदेव का ट्रांसफर सीधी हो गया, लेकिन राजनीतिक दबाव में इंदौर से उन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा और नामदेव ट्रांसफर रुकवाने की जुगत में लगे हुए हैं।
सीएम के नाम से करता है वसूली
प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, सचिव खनिज साधन विभाग, अपर सचिव खनिज साधन विभाग, कलेक्टर, संभागायुक्त, एडीएम सहित कई अधिकारियों को जयदीप नामदेव की शिकायत की गई है। तीन दिन पहले शुभम डाबोडीया द्वारा भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि नामदेव खुलेआम सीएम डॉ.मोहन यादव और उनके परिवार के लोगों को अपना करीबी बताकर अवैध वसूली कर रहा है। कुछ खनिज माफियाओं से सीएम के भाई नारायण यादव और भतीजे अभय यादव के नाम से वसूली कर रहा है। वह अधिकारियों को यह भी धमकी देता है कि मेरी नियुक्ति सीएम और उनके परिवार के सदस्यों के माध्यम से ही हुई है।
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