Published On :
13-Oct-2024
(Updated On : 13-Oct-2024 11:26 am )
काशी में बना चावल के आटे, बेलपत्र का प्रसादम .
Abhilash Shukla
October 13, 2024
Updated 11:26 am ET
काशी में बना चावल के आटे, बेलपत्र का प्रसादम
काशी विश्वनाथ मंदिर का अपना प्रसादम शनिवार से बिकने लगा । विजयदशमी पर प्रसादम बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया गया , फिर मंदिर परिसर में ही लगे स्टालों से बिक्री हुई । विद्वानों की टीम ने शास्त्रों के अध्ययन के बाद ही चावल के आटे, चीनी और बेल पत्र के चूर्ण से प्रसाद बनाया गया है। जो बेल पत्र बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाता है, उसी का चूर्ण बनाकर प्रसादम में मिलाया गया है। प्रसादम बनाने के नियमों का सख्त रखा गया है।मंदिर प्रबंधन की शर्तों के मुताबिक, प्रसादम बनाने में सिर्फ हिंदू कारीगर ही लगाए जाएंगे। धार्मिक मान्यता और नियमों के हिसाब से ही प्रसादम बनेगा। प्रसादम बनाने से पहले कारीगरों को स्नान करना अनिवार्य रहेगा।
विद्वानों के मुताबिक, धान भारतीय फसल है। इसका जिक्र पुराणों में है। भगवान कृष्ण और सुदामा के संवाद में भी चावल का जिक्र है। भगवान भोले शंकर को चावल के आटे का भोग लगता था। बेल पत्र का महत्व है, इसलिए बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र को जुटाया गया, फिर इसे धोकर साफ कराया गया। सूखने के बाद बेलपत्र का चूर्ण बनाया गया, फिर इसे प्रसादम में मिलाया गया।