सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति चाहती है सफाई जैसा ट्रैफिक में भी नंबर वन बने इंदौर, लेकिन हमें तो हेलमेट के विरोध से ही फुर्सत नहीं.


इंदौर। भोपाल और इंदौर में बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं देने के फैसले का जमकर विरोध हो रहा है। लोग पेट्रोल पंपों पर भी बवाल मचा रहे हैं और कोर्ट भी जा रहे हैं। यह व्यवस्था सख्ती से लागू कराने पर लोग इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह को कोस भी रहे हैं। बिना यह जाने कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है? कोर्ट जाने वाले भी यह नहीं सोच रहे कि इस व्यवस्था का आदेश एक न्यायाधीश ने ही दिया है।
जस्टिस सप्रे ने दिए थे निर्देश
बात शुरू से ही शुरू करते हैं। पिछले दिनों भोपाल में सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष जस्टिस अभय मनोहर सप्रे ने मध्यप्रदेश के अफसरों के साथ बैठक की थी। इसमें मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित सभी संबंधित विभागों अधिकारी मौजूद थे। जस्टिस सप्रे ने अफसरों को निर्देश दिए थे कि वे ट्रैफिक सुधार को लेकर ठोस योजना बनाएं। उस पर काम करें और छह माह के भीतर परिणाम लाएं। उन्होंने सड़क हादसों में होने वाली मौतों को रोकने पर भी जोर दिया।
सीट बेल्ट और हेलमेट पर जोर
जस्टिस सप्रे ने बैठक में कहा था कि हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और यातायात के पालन की आदतों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक संगठनों की मदद लें। उन्होंने निर्देशित किया था कि पुलिस विभाग सहित अन्य सभी शासकीय कर्मियों को वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना तत्काल रूप से अनिवार्य किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा था कि स्कूलों एवं कॉलेजों सहित अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थियों को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया जाए।
इंदौर का विशेष तौर पर लिया नाम
न्यायमूर्ति सप्रे ने कहा था कि जैसे मध्यप्रदेश के इंदौर ने स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वैसे ही प्रदेश के शहर सड़क सुरक्षा में अपना स्थान बनायेंगे। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की है कि प्रदेश के अधिकारी लोगों की जान बचाने के लिए अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे।
सीएस ने जस्टिस सप्रे को किया था आश्वस्त
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा था कि भारत सरकार की ही तरह तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू किये जायेंगे। प्रदेश के 9 जिलों में सड़क सुरक्षा के लिए आईआईटी मद्रास की मदद ली जाएगी और बाद में 6 और जिलों में यह किया जाएगा। सड़क सुरक्षा के लिए सभी एजेंसियों में समन्वय स्थापित किया जाएगा। पुलिस, नगरीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की टीम बनायी गई है। मुख्य सचिव जैन ने जस्टिस सप्रे को आश्वस्त किया कि मध्यप्रदेश के अधिकारी उनके निर्देश और मार्गदर्शन से बेहतर कार्य करेंगे।
सीएस ने सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश
बताया जाता है कि जस्टिस सप्रे के निर्देशों के बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी जिला कलेक्टरों को इसके पालन के निर्देश दिए। इसके बाद भोपाल और इंदौर कलेक्टर ने पेट्रोल पंप मालिकों को बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं देने का आदेश जारी कर दिया। अब चूंकि मामला सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति से जुड़ा है, जाहिर है कलेक्टर इसके आदेश का पालन सख्ती से करवाएंगे ही।
क्या ट्रैफिक में नंबर वन नहीं आ सकता इंदौर?
देश में लगातार आठ बार सफाई में नंबर वन आने वाला इंदौर क्या ट्रैफिक में नंबर वन नहीं आ सकता? जब कचरा पेटियां हटाई गई थीं, तब भी तो विरोध हुआ था। घर-घर से कचरा उठाने से लेकर सड़कों पर झाड़ू लगाने तक में भी परेशानी आई थी। फिर शहर के लोगों ने समझा और आज पूरे देश में मिसाल बन गया इंदौर। क्या ऐसा ट्रैफिक के साथ नहीं हो सकता? ठान लेने की बात है। अगर हम सब ठान लें तो यह भी संभव है। एक बात और, हेलमेट और सीट बेल्ट लगाना तो हमारी सुरक्षा के लिए ही है न। फिर इसका विरोध क्यों?