मध्यप्रदेश में बढ़ी स्टांप ड्यूटी, मोटरयान कराधान विधेयक भी पारित, कांग्रेस ने बताया जनविरोधी.


भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को भारतीय स्टांप (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक 2025 तथा मोटरयान कराधान विधेयक पारित हो गए। इससे स्टांप ड्यूटी महंगी होने के साथ ही अब टैक्स चोरी पर चार गुना जुर्माना भी लगेगा। कांग्रेस ने इनका जोरदार विरोध किया है। कांग्रेस विधायकों ने इस विधेयक को आम जनता की जेब पर सीधा बोझ बताते हुए जनविरोधी करार देते हुए सदन से वॉकआउट किया।
कांग्रेस विधायक और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि आपको मर्जी करनी है प्रदेश की बात को नहीं सुनना है तो हम क्यों सुनेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट किया। कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में नारेबाजी कर इस विधेयक को वापस लेने की मांग की। सिंघार ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है कि हम टैक्स नहीं बढ़ा रहे और दूसरी तरफ से इस तरह से शुल्क बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्ज लेने पर कहती है कि हम विकास के लिए कर्ज ले रहे है तो फिर यह शुल्क क्यों बढ़ाया जा रहा है। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि विधेयक पारदर्शिता और सुगमता की बात तो करता है, लेकिन वास्तविकता में कागजी कार्रवाई और महंगी होगी। उन्होंने लगाया कि कमजोर वर्गों को राहत देने की बात करने वाली सरकार एफिडेविट जैसे आवश्यक दस्तावेजों को भी महंगा कर रही है।
सरकार ने कहा 11 वर्षों बाद किया संशोधन
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि यह संशोधन 11 वर्षों बाद किया गया है और कुल 64 बिंदुओं में से सिर्फ 12 बिंदुओं पर शुल्क वृद्धि लागू की गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों के लिए एफिडेविट निशुल्क रहेगा। देवड़ा ने कहा कि राज्य के विकास के लिए संसाधनों की जरूरत है। टैक्स के माध्यम से ही इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होता है। स्टांप शुल्क में वृद्धि एक संतुलित कदम है।
कांग्रेस ने कहा-50 रुपए वाला स्टांप अब 200 में
कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि अब 50 रुपए वाला स्टांप 200 रुपए में मिलेगा। वहीं, अचल संपत्ति के एग्रीमेंट पर स्टांप शुल्क 1000 से 5000 कर दिया गया है। कुछ मामलों में 5000 से बढ़ाकर 10000 किया जा रहा है। इस संशोधन के लागू होने के बाद प्रदेश में क्या-क्या महंगा होगा? सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी में 100% से लेकर 400% तक की भारी-भरकम बढ़ोतरी कर दी है। यह आम जनता, छोटे व्यापारियों, किसानों और ट्रस्ट संस्थाओं पर सीधा आर्थिक बोझ है, जबकि महंगाई पहले से ही चरम पर है।
बिना परमिट वाहन पर प्रति सीट एक हजार दंड
मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक-2025 पारित हो गया। परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने यह विधेयक सदन में पेश किया। कांग्रेस ने इस विधोयक का भी विरोध किया।विधेयक में मोटरयान कराधान अधिनियम, 1991 की धारा 13 में संशोधन करते हुए दो महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब कर भुगतान में चूक करने पर 4% की दर से पेनल्टी लगेगी, लेकिन यह अधिकतम चार गुना से अधिक नहीं होगी। अन्य राज्यों के पंजीकृत वाहनों के टैक्स चोरी पर भी अब चार गुना जुर्माना वसूला जाएगा। वहीं बिना परमिट या उसकी शर्तों के उल्लंघन पर 1000 प्रति सीट और मालवाहन की श्रेणी में बिना परमिट परमिट शर्त उल्लंघन की दशा में 1000 प्रति टन के हिसाब से दंड लगाया जाएगा।