जहरीले कफ सिरप मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का बड़ा आरोप, कहा- मौत के आंकड़े छिपा रही है सरकार.


भोपाल। छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप के मामले में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। सिंघार का आरोप है कि इस मामले में सरकार मौतों के आंकड़े छिपा रही है।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा कि अब तक 20 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है और कई बच्चे अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी मंत्री के बच्चे को कुछ होता, तो सरकार उसे एयरलिफ्ट कर देश के बड़े अस्पताल में भेज चुकी होती। इन गरीबों के बच्चों के लिए सरकार के पास इलाज के पैसे नहीं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के यह पुरानी बात हो गई है वाले बयान पर सिंघार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक और संवेदनहीन बताया।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल
सिंघार ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा चुकी हैं, ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर और उपकरणों की भारी कमी है। बच्चों को पोषण नहीं मिल रहा और योजनाएं सिर्फ कागजों पर चल रही हैं। उन्होंने कहा कि बाल अपराध, कुपोषण और चिकित्सा लापरवाही में प्रदेश की स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री ने जिस कफ सिरप को पहले क्लीन चिट दी थी, अब वही घटनास्थल पर दौरे कर रहे हैं।
मृतक बच्चों के परिजनों को नौकरी दें
सिंघार ने कहा कि चार लाख में कोख का सौदा न करे सरकार। क्या एक मां की गोद उजाड़ने की कीमत सिर्फ चार लाख रुपये है? सरकार को न केवल इलाज का खर्च देना चाहिए, बल्कि परिवार के भविष्य की चिंता भी करनी चाहिए। सिंघार ने मांग की कि मृतक बच्चों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाए और न्यायिक जांच हो। उन्होंने आरोप लगाया कि दवा कंपनी ने आदिवासी क्षेत्रों को निशाना बनाया, जबकि टेस्ट रिपोर्ट आने में देरी सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर करती है।
सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं
सिंघार ने कहा कि मध्यप्रदेश के अधिकारी बेलगाम घोड़े हो गए हैं, उन पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। जनता के बीच अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का समन्वय नहीं है। कितनी भी कॉन्फ्रेंस कर लें, फायदा नहीं। अच्छे अधिकारियों को फील्ड पोस्टिंग ही नहीं मिलती।