आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के परिवार वालों को मिली जमानत, 10-10 लाख का बॉन्ड भरवाया.


भोपाल। आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के परिवार वालों को आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कोर्ट जमानत मिल गई है। मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, जीजा विनय आसवानी और जबलपुर निवासी साले रोहित तिवारी को 10-10 लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत मिली है। 18वें अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत से उन्हें जमानत मिली है। कोर्ट ने सभी आरोपियों के पासपोर्ट जब्त करने के भी आदेश दिए हैं।
एडवोकेट योगेंद्र तोमर ने बताया कि सौरभ शर्मा केस में चार लोगों की जमानत हुई है। सभी को 10-10 लाख के पर्सनल बॉन्ड पर जमानत दी गई है। इसमें दो कंपनी भी थी उनकी भी 10-10 लाख के बॉन्ड पर जमानत हुई है। केस की अगली सुनवाई 5 मई को होगी। उल्लेखनीय है कि ईडी भोपाल ने सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों शरद जायसवाल व चेतन सिंह गौर के खिलाफ मंगलवार को कोर्ट में चालान पेश किया था। इसमें इनोवा कार में मिला 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश सौरभ का ही बताया गया है।
चालान में ईडी ने बताए 12 आरोपी
ईडी ने चालान में 12 आरोपी तय किए हैं। इसमें सौरभ शर्मा, उसकी मां, पत्नी दिव्या, शरद जायसवाल, चेतन सिंह गौर के अलावा इनकी फर्में और डायरेक्टर भी शामिल हैं। अब तक इस मामले में ईडी ने कुल 100.36 करोड़ रुपए की कुर्की और जब्ती की है। सौरभ, चेतन और शरद के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस के केस में तीनों को जमानत मिल चुकी है।
मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से बनाई प्रॉपर्टी
ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि सौरभ और उसके सहयोगियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के माध्यम से प्रॉपर्टी बनाई गई है। इसलिए इनके विरुद्ध मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है। चार्जशीट में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवारी, विनय हसवानी, प्यारेलाल केवट के अलावा इनकी फर्मों में शामिल अन्य लोग शामिल हैं। इन फर्मों के जरिए खरीदी गई प्रापर्टी और रजिस्ट्री को राजसात करने की बात भी चार्जशीट में शामिल है। ईडी ने कहा कि सौरभ शर्मा द्वारा अपने और रिश्तेदारों, सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपए की संपत्ति जुटाई गई है।