कमलनाथ के खास कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री की 24 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की अटैच, पिछले साल इंदौर में मारा था छापा.


इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के खास इंदौर के कांग्रेस नेता गोलू अग्निहोत्री पर ईडी ने कड़ी कार्रवाई की है। ऑनलाइन सट्टा और डिब्बा कारोबार के आरोपी गोलू की 24 करोड़ की संपत्ति ईडी ने जब्त कर ली है। पिछले साल ईडी ने इंदौर में गोलू और उसके सहयोगियों के ठिकाने पर छापा मारा था।
बताया जाता है कि ईडी ने गोलू सहित उसके छह साथियों की 34 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है। इसमें नकदी के अलावा कृषि भूमि, फ्लैट, पेट्रोल पंप, प्लॉट सहित अन्य संपत्ति शामिल है। गोलू के साथ उसके पार्टनर हितेश अग्रवाल, तरुण श्रीवास्तव, करण सोलंकी, धवल जैन, श्रीनिवास व अन्य हैं। ईडी की जांच में पता चला था कि गोलू व उसके पार्टनर ने सट्टा व डिब्बा कारोबार से करोड़ों रुपए कमाए। निवेशकों व प्रतिभागियों को पैसा हवाला चैनलों व क्रिप्टो के जरिए दिया जाता था। मनी लांड्रिंग कर पैसा इधर-उधर खपाया जाता था। गोलू की इंदौर के अलावा महाराष्ट्र व दूसरे शहरों में भी संपत्ति है। इसके अलावा मुबंई और पुणे में भी ऑफिस है।
उज्जैन के छापे से जुड़ी थी कड़ी
उल्लेखनीय है कि 14 जून 2024 को उज्जैन पुलिस ने क्रिकेट सट्टा खेलते 9 लोगों को गिरफ्तार किया था। इस कार्रवाई में 14.58 करोड़ रुपए नकद, 41 मोबाइल, 19 लैपटॉप, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड बरामद किए गए थे। तब गोलू अग्निहोत्री का नाम सामने आया था। इसके बाद 16 दिसंबर 2024 को इंदौर में गोलू के घर पर ईडी ने छापा मारा था। उस दिन गोलू दुबई से लौटा था। संपत्ति अटैच करने की कार्रवाई इस छापे के बाद ही हुई है।
कई कंपनियों का कर रहे था संचालन
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोलू अग्निहोत्री के अलावा उनके कारोबारी साझेदार तरुण श्रीवास्तव, हितेश अग्रवाल, धर्मेश रजनीकांत त्रिवेदी, श्रीनिवासन रामसमय, करण सोलंकी और धवल जैन समेत इनके परिजनों के नाम दर्ज संपत्तियां भी अटैच की गई हैं। अब तक पूरे मामले में करीब 58.39 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त या अटैच हो चुकी है। ईडी की जांच में पता चला है कि ये लोग वी मनी/वीएम ट्रेडिंग, 11 स्टार्स, लोटसबुक 247, 8 स्टॉक हाइट्स, गोल्ड माइन, वर्टेक्स, गेमबेटलीग, आईबुल कैपिटल लिमिटेड, प्लेबुक, टारगेट एफ एक्स, वर्ल्ड 777 जैसी अन्य कई संस्थाओं और प्लेटफार्मों का संचालन कर रहे थे। यह सभी अवैध कारोबार की श्रेणी में आते हैं।