फर्जीवाड़े में जुटे देवी अहिल्या संस्था के अध्यक्ष अजमेरा, ‘अपात्र’ सदस्यों से बनवा रहे ‘पात्रता’ सूची, सहकारिता विभाग से भी मांग लिया 10 दिन का समय.


इंदौर। सहकारिता विभाग और जिला प्रशासन की सख्ती के बाद भी देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था के अध्यक्ष विमल अजमेरा अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर के पात्र सदस्यों को प्लॉट देने के मूड में नहीं हैं। पात्र सदस्यों की जो सूची संस्था कार्यालय में संचालक मंडल को बनानी थी, उसे अजमेरा अपने करीबी अपात्र सदस्यों से तैयार करवा रहे हैं। अजमेरा ने सहकारिता विभाग के आर्थिक अनियमितता वाले नोटिस का जवाब देने की बजाए अपने वकील से 10 दिन का समय बढ़वा लिया है।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश पर कलेक्टर द्वारा गठित समिति ने विमल अजमेरा को पात्र सदस्यों की सूची पिछले साल ही भेज दी थी। अजमेरा और उनके संचालक मंडल को इसे वेरिफाई कर विभाग में भेजना था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद सहकारिता विभाग ने उन्हें नोटिस भेजा, लेकिन अजमेरा अपने खास लोगों के प्लॉट की रजिस्ट्री कराने की सिफारिश करते रहे। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने 22 जून को एक बैठक बुलाकर अजमेरा को जमकर फटकार लगाते हुए 15 दिन में सूची वेरिफाई कर नहीं भेजने पर एफआईआर की चेतावनी दी थी।
फिर सूची में हेराफेरी कर रहे अजमेरा
कलेक्टर की चेतावनी के बाद अजमेरा ने गुरुवार को संचालक मंडल की बैठक बुलाकर इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन जब वहां उपस्थित छह सदस्यों ने इस पर सहमति दे दी तो इस्तीफा नहीं देते हुए अगले दिन बैठक बुलाने की बात कही। अगले दिन उपाध्यक्ष मनोज काला सहित कुछ अपने खास सदस्यों को घर पर बुलाकर शुक्रवार को होने वाली बैठक टाल दी। इस्तीफे की बात भी हवा हो गई।
आखिर कौन, कहां बना रहा है सूची
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संचालक मंडल के अधिकांश सदस्यों को अपने खिलाफ देख अजमेरा अब अपने स्तर पर मनमर्जी वाली पात्रता सूची बनवा रहे हैं। संचालक मंडल के सदस्यों या संस्था की दफ्तर की बजाए कहीं और कुछ अपात्र सदस्यों से यह सूची तैयार करवा रहे हैं। इसमें साकेत बड़ोदिया सहित कई अपात्र सदस्य शामिल हैं।
अपात्र सदस्य ही कर रहे पूछताछ
अयोध्यापुरी रहवासी संघ के कई सदस्यों को अपात्र सदस्य ही फोन कर प्लॉट के बारे में पूछताछ कर रहे हैं। उनके डाक्यूमेंट वेरिफाई कर रहे हैं। सदस्यों ने इस पर आपत्ति भी ली और पूछा कि यह काम संचालक मंडल का है, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
कुछ नेताओं का दे रहे हवाला
अजमेरा और उनके खास लोग अब एक मंत्री तथा कुछ स्थानीय नेताओं का हवाला देकर कह रहे हैं कि सारी बातचीत हो गई है। अधिकारियों से भी बात हो गई है, सब ठीक हो जाएगा। विधायक महेंद्र हार्डिया चूंकि पात्र सदस्यों को हक दिलाने के पक्ष में हैं, इसलिए उन तक बात पहुंचने नहीं दी जा रही है। ऐसे में लगता है कि इस बार भी अयोध्यापुरी और महालक्ष्मी नगर में वर्षों से अपने प्लॉट की आस लगाए सदस्यों को न्याय नहीं मिलने वाला।
गजभिए के रिटायरमेंट का इंतजार
उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं एमएल गजभिये ने 11 जून 2025 को अध्यक्ष विमल अजमेरा, उपाध्यक्ष मनोज काला सहित सभी संचालकों को एक नोटिस भेजा था। इसमें नियमों की अवहेलना, सूची फाइनल नहीं करने सहित आर्थिक अनियमितता का भी आरोप लगाया गया था। इस नोटिस का जवाब 15 दिन में देना था, लेकिन अजमेरा ने अपने वकील के माध्यम से इसकी अवधि 10 जुलाई तक बढ़ा ली है। इसका कारण एमएल गजभिये हैं, जो 30 जून को रिटायर होने वाले हैं। अजमेरा चाहते हैं कि उनके रिटायरमेंट तक इस मामले को टाल दिया जाए और वे इसमें सफल भी हो गए।
6 सदस्यों ने समय पर दे दिया था जवाब
एक तरफ अजमेरा सहकारिता विभाग के नोटिस का जवाब देने से बच रहे हैं, वहीं संचालक मंडल के छह सदस्यों ने 15 दिन की अवधि के अंदर ही 26 जून को इसका जवाब दे दिया है। जवाब में संस्था के छह सदस्यों ने कहा है कि रजत गृह निर्माण तथा डायमंड इन्फ्रा का पैसा आईडीए में जमा कराने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। सभी सदस्यों ने कहा कि वे संस्था की किसी ऐसे बैठक में शामिल ही नहीं हुए, जिसमें राशि जमा कराने का फैसला लिया गया। सदस्यों ने कहा कि इस आर्थिक अनियमितता की पूरी जिम्मेदारी अध्यक्ष विमल अजमेरा और उपाध्यक्ष मनोज काला की है।