केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर कहा-31 मार्च 2026 तक हथियारी नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा देश.
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को लेकर फिर बड़ा बयान दिया है। रविवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं फिर कह रहा हूं कि 31 मार्च 2026 तक इस देश से हथियारी नक्सलवाद खत्म हो जाएगा। मैंने बयान दिया था कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, लेकिन सवाल ये है कि इस देश में नक्सलवादी समस्या क्यों पनपी, क्यों बढ़ी, क्यों विकसित हुई, इसका वैचारिक पोषण किसने किया?
गृह मत्री रविवार को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन द्वारा रविवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत मंथन 2025 – नक्सल मुक्त भारत कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। शाहने कहा कि नक्सलवाद का वैचारिक पोषण किसने किया, जब तक उनको हम समझ नहीं पाते तब तक नक्सल खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग ऐसा मानते हैं कि नक्सलवाद की हथियारी गतिविधियां समाप्त होने के साथ ही नक्सलवाद की समस्या समाप्त हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में नक्सलवाद क्यों विकसित हुआ? इसका वैचारिक पोषण किसने किया? जब तक भारत का समाज नक्सलवाद के विचार का वैचारिक पोषण, लीगल समर्थन और वित्तीय सहायता करने वाले समाज में बैठे लोगों को समझ नहीं लेता है और उन लोगों को हम वापस नहीं लाते हैं, तब तक नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई समाप्त नहीं होगी।
ऐसी विचारधारा वालों को पहचानना जरूरी
अमित शाह ने कहा कि हमें उन लोगों की पहचान करनी होगी और उन्हें समझना होगा जो नक्सल विचारधारा को पोषित करते रहते हैं। शाह ने कहा कि मैं उन सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने 1960 के दशक से नक्सलवाद के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्रियजनों को खोया है। मैं उन सभी लोगों के प्रति भी अपना समर्थन व्यक्त करता हूं जो इस संघर्ष का हिस्सा रहे हैं।
कोई युद्धविराम नहीं होगा, सरेंडर करना होगा
शाह ने कहा कि हाल ही में भ्रम फैलाने के लिए एक पत्र लिखा गया जिसमें कहा गया कि अब तक जो कुछ हुआ है वह एक भूल थी, युद्धविराम घोषित किया जाना चाहिए और हम आत्मसमर्पण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई युद्धविराम नहीं होगा, अगर आप आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, तो युद्धविराम की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आप अपने हथियार डाल दीजिए। पुलिस एक भी गोली नहीं चलाएगी और आपका पुनर्वास करेंगे।