तमिलनाडु में परिसीमन पर सियासी घमासान: स्टालिन ने पीएम मोदी से राज्य के अधिकारों की रक्षा की अपील की.


तमिलनाडु में परिसीमन पर सियासी घमासान: स्टालिन ने पीएम मोदी से राज्य के अधिकारों की रक्षा की अपील की
तमिलनाडु में प्रस्तावित परिसीमन प्रक्रिया को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच टकराव गहराता जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह तमिलनाडु के लोगों की चिंताओं को गंभीरता से लें और राज्य के अधिकारों की रक्षा के लिए परिसीमन पर पुनर्विचार करें।
स्टालिन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संसद में ऐसा प्रस्ताव पारित हो, जिससे तमिलनाडु के अधिकारों पर कोई अंकुश न लगे। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने परिसीमन को लेकर एक ज्ञापन सौंपने के लिए पीएम से समय मांगा है।
स्टालिन ने जानकारी दी कि चूंकि वह सरकारी कार्यक्रम में व्यस्त थे और प्रधानमंत्री रामेश्वरम के एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे, इसलिए उन्होंने अपनी जगह मंत्रियों थंगम थेन्नारासु और राजा कन्नप्पन को पीएम से मिलने के लिए भेजा।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि परिसीमन के जरिए भाजपा सरकार राज्य के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने आशंका जताई कि प्रस्तावित परिसीमन से पुडुचेरी समेत कुल 40 संसदीय सीटें प्रभावित होंगी, जिससे राज्य की राजनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
स्टालिन ने बताया कि 22 मार्च को चेन्नई में एक संयुक्त कार्रवाई समिति की बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए थे। इस बैठक का उद्देश्य निष्पक्ष परिसीमन की आवश्यकता को रेखांकित करना और तमिलनाडु के हितों की रक्षा करना था।
परिसीमन को लेकर उठ रहे राजनीतिक और क्षेत्रीय मुद्दे, देश की संघीय संरचना और राजनीतिक संतुलन पर एक बार फिर चर्चा को तेज कर रहे हैं। अब यह देखना अहम होगा कि केंद्र सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।