सिंधु जल संधि; पाकिस्तान की गुहार: चार बार पत्र लिखकर की संधि बहाली की अपील.


सिंधु जल संधि; पाकिस्तान की गुहार: चार बार पत्र लिखकर की संधि बहाली की अपील
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया । यह फैसला पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के विरोध में लिया गया।
इस कदम के बाद पाकिस्तान की परेशानी कई गुना बढ़ गई है, क्योंकि उसकी लगभग 70 फीसदी कृषि और कई शहरों की पेयजल आपूर्ति सिंधु नदी पर निर्भर है। भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में पानी की भारी किल्लत पैदा हो गई है, जिससे उसकी आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है।
पाकिस्तान की गुहार: चार बार पत्र लिखकर की संधि बहाली की अपील
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को अब तक चार पत्र भेजे हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को बहाल करने की गुहार लगाई गई है।
इनमें से तीन पत्र ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजे गए थे। पाकिस्तान ने भारत से आग्रह किया है कि वह संधि स्थगन के फैसले की पुनः समीक्षा करे। साथ ही पाकिस्तान का दावा है कि जल संधि का निलंबन द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। हालांकि, भारत सरकार की ओर से अब तक इन पत्रों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि भारत ने स्पष्ट किया था कि यह फैसला पूरी तरह भारत की शर्तों पर लिया गया है। हालांकि संघर्ष विराम लागू होने के बाद भी सिंधु जल संधि का निलंबन जारी रहेगा।