यमन की जेल से रिहा होंगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, केए पॉल ने किया दावा; पीएम मोदी को कहा धन्यवाद.
यमन की जेल से रिहा होंगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया, केए पॉल ने किया दावा; पीएम मोदी को कहा धन्यवाद
यमन की राजधानी सना की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द कर दी गई है और उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा — यह दावा ईसाई धर्म प्रचारक और ग्लोबल पीस इनीशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने एक वीडियो संदेश के ज़रिए किया है।
केए पॉल का बड़ा दावा, यमन के नेताओं को दिया श्रेय
वीडियो में डॉ. पॉल ने कहा, "यमन के नेताओं ने बीते 10 दिनों तक दिन-रात मेहनत की। मैं उनका और उन सभी लोगों का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद्द कराने में मदद की।"
उन्होंने यह भी कहा कि भगवान के आशीर्वाद और भारत सरकार के प्रयासों से निमिषा जल्द भारत लौटेंगी।
पीएम मोदी को जताया आभार
डॉ. पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह निमिषा को भारत लाने के लिए राजनयिक प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं, जो रिहाई की प्रक्रिया को अंजाम देगा।
कौन हैं निमिषा प्रिया?
केरल के पलक्कड़ की निवासी निमिषा प्रिया वर्ष 2008 में नर्स के रूप में काम करने यमन गई थीं। कुछ वर्षों तक विभिन्न अस्पतालों में सेवा देने के बाद वह 2011 में भारत लौटीं और टॉमी थॉमस से विवाह किया। उनकी एक बेटी भी है, जो इस समय केरल में रहती है।
हत्या का मामला और सजा
वर्ष 2015 में निमिषा ने यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर एक मेडिकल क्लीनिक शुरू किया था। लेकिन 2017 में महदी की हत्या हो गई और उसका शव एक वॉटर टैंक में मिला।
निमिषा पर आरोप लगा कि उन्होंने नींद की दवा का अधिक डोज देकर महदी की हत्या की और शव छिपाने की कोशिश की। एक महीने बाद उन्हें यमन-सऊदी सीमा से गिरफ्तार किया गया।
निमिषा का पक्ष और कानूनी लड़ाई
निमिषा के वकील का दावा है कि महदी ने उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया और उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था। हालांकि महदी के परिवार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया।
2020 में सना की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई और 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा।
अब रिहाई की उम्मीद
अगर डॉ. केए पॉल का दावा सही साबित होता है, तो यह निमिषा और उनके परिवार के लिए राहत की बड़ी खबर होगी। अब सभी की निगाहें भारत सरकार की अगली कूटनीतिक कार्रवाई और यमन की आधिकारिक पुष्टि पर टिकी हैं।