विधानसभा के मानसून सत्र से पहले ही रार, परिसर में नारेबाजी पर प्रतिबंध से भड़की कांग्रेस, इस बार ज्यादा विधायकों ने ऑनलाइन पूछे सवाल.


भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का मनसून सत्र 28 जुलाई से शुरू हो रहा है। इसके पहले ही राजनीतिक रार शुरू हो गया है। दरअसल विधानसभा सचिवालय की ओर से सभी मंत्रियों को विधायकों को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें विधानसभा परिसर में नारेबाजी पर प्रतिबंध की बात कही गई है। इस आदेश के बाद कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस ने कहा कि विधायकों का मुंह नहीं सील सकती सरकार।
पत्र में विधानसभा अध्यक्ष के स्थायी आदेश 94(2) के तहत विधायकों के विधानसभा परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने 10 जुलाई को सभी विधायकों को एक परिपत्र भेजा। इस परिपत्र में विधानसभा सचिवालय की ओर से विधायकों की सुरक्षा का हवाला देते हुए व्यवस्था में सहयोग करने की अपेक्षा की है। विधानसभा परिसर और दर्शक दीर्घा में प्रवेश पत्र सीमित संख्या में जारी किए जाएंगे। विधायकों से अनुरोध है कि अपने एक निज सहायक और वाहन चालक का नाम, वाहन नंबर के साथ प्रवेश पत्र कार्यालय भेजना सुनिश्चित करें। इसमें कहा गया है कि विधायक किसी को गाड़ी में बिठाकर विधानसभा न लाएं सत्र के दौरान विधानसभा भवन में किसी गैर या बिना प्रवेश पत्र धारी व्यक्ति को अपने साथ वाहन में बिठाकर या पैदल विधानसभा परिसर और सदन की लॉबी में प्रवेश न कराएं। सभी मंत्रियों और विधायकों की ड्यूटी में तैनात अंगरक्षकों के साथ ही बडे़ हथियार धारी अंगरक्षकों का सत्रावधि में प्रवेश वर्जित रहेगा।
इस सत्र में विधायकों के 3377 सवाल
मानसून सत्र के लिए विधायकों ने इस बार 3377 सवाल लगाए हैं। अधिकांश विधायकों ने ऑनलाइन सवाल पूछने में रुचि दिखाई है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने कुल 3377 सवाल किए हैं। इसमें से 2076 सवाल ऑनलाइन किए गए हैं। ऑफलाइन सवालों की संख्या 1301 है।
नारेबाजी वाले आदेश का कटारे ने किया विरोध
उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नारेबाजी और प्रदर्शन पर रोक के आदेश पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में विधानसभा सचिवालय से एक तुगलकी आदेश आदेश जारी हुआ है, जिसमें विधायकों को विधानसभा परिसर में नारेबाजी करने और प्रदर्शन करने पर रोक लगाई गई है। कटारे ने कहा- या तो सरकार जवाब दे आंख से आंख मिलाकर तो हम नारे लगाना बंद कर देंगे। आप हमारे विधायकों के होंठ नहीं सिल सकते। हमें जनता ने चुनकर भेजा है। हम जनहित की आवाज पूरी ताकत के विधानसभा में उठाएंगे।
हेमंत खंडेलवाल की सीट बदलेगी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब हेमंत खंडेलवाल की विधानसभा में भी बैठक व्यवस्था में बदलाव होने जा रहा है। हेमंत खंडेलवाल बैतूल विधानसभा सीट से विधायक हैं। भाजपा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद अब हेमंत खंडेलवाल को विधानसभा में पहली पंक्ति में बैठाया जाएगा।