इंडिया गठबंधन ने संसद सत्र के लिए बनाई रणनीति, 24 दलों ने ऑनलाइन बैठक में लिया हिस्सा.


इंडिया गठबंधन ने संसद सत्र के लिए बनाई रणनीति, 24 दलों ने ऑनलाइन बैठक में लिया हिस्सा
'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस में शामिल विपक्षी दलों ने संसद के आगामी मानसून सत्र को लेकर शनिवार शाम एक ऑनलाइन बैठक की। इस बैठक में 24 विपक्षी दलों ने भाग लिया और संसद में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता और राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि देश और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और सर्वसम्मति से आठ प्रमुख मुद्दों को संसद में उठाने का निर्णय लिया गया।
प्रमोद तिवारी ने कहा,बैठक में देश से जुड़े जिन विषयों पर चर्चा हुई, उनमें सबसे प्रमुख थे पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, युद्धविराम और ट्रेड को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान, बिहार में एसआईआर के नाम पर हो रही वोटबंदी, विदेश नीति, परिसीमन, और देश में दलित, पिछड़े, आदिवासी, महिला व अल्पसंख्यक वर्गों पर अत्याचार।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता
बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
ट्रंप के दावे पर फिर विरोध
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम उनकी मध्यस्थता से संभव हो पाया था। भारत पहले भी इस दावे को सिरे से नकार चुका है और स्पष्ट किया है कि यह सहमति पूरी तरह द्विपक्षीय थी, न कि किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से।
21 जुलाई से शुरू हो रहा है मानसून सत्र
विपक्षी दलों ने एनडीए सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। 21 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में ‘इंडिया’ गठबंधन इन आठ मुद्दों को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करेगा।
इस गठबंधन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामपंथी दल, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और अन्य क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं। इस एकजुटता का मकसद बीजेपी और एनडीए के खिलाफ मजबूत विपक्ष खड़ा करना है।