क्या सोच रहे हैं, कौन होगा भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष, सरप्राइज की पोटली में महिला या आदिवासी या फिर महिला आदिवासी?.


भोपाल। मध्यप्रदेश के भाजपा अध्यक्ष की घोषणा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कई नाम आगे हैं, लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा चर्चा आदिवासी नामों पर है। भाजपा के प्रशिक्षण वर्ग से लेकर संगठन की अन्य बैठकों में जिस तरह आदिवासी वोट बैंक को लेकर चर्चा होती है, इस बार हो सकता है कि भाजपा आदिवासी क्षेत्र में कमल खिलाने की कोशिश करे। यह भी हो सकता है कि किसी आदिवासी महिला को यह कमान सौंप दी जाए। नाम तो बहुत सारे हैं लेकिन भाजपा के लोगों का ही कहना है कि आलाकमान अंतिम समय में अपनी सरप्राइज की पोटली से क्या निकाले भरोसा नहीं किया जा सकता।
पार्टी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल से विधायक और पूर्व सांसद हेमंत खंडेलवाल को दौड़ में सबसे मजबूत बताया जा रहा है। इसका कारण उनकी संगठन में मजबूत पकड़ है। इसके साथ ही वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और संघ के सुरेश सोनी के करीबी भी हैं। बताया जाता है कि दोनों की खंडेलवाल के नाम पर मुहर है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उईके का नाम लिया जा रहा है। संघ में उनकी अच्छी पकड़ है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री होने के नाते उनकी दिल्ली में भी अच्छी पकड़ है। कहा तो यह भी जा रहा है कि फिलहाल प्रदेश में कोई चुनाव नहीं है। इस कारण पार्टी कोई नया प्रयोग भी कर सकती है। इन प्रयोगों में किसी महिला को नेतृत्व देना भी शामिल है। अगर ऐसा हुआ तो केंद्रीय राज्यमंत्री सावित्री ठाकुर, सीमा सिंह और सांसद लता वानखेड़े के नामों पर विचार हो सकता है।आदिवासी नेताओं में दुर्गादास उइके, गजेंद्र सिंह पटेल, सुमेर सिंह सोलंकी के नाम लिए जा रहे हैं। वैसे तो उम्मीद कम है कि पार्टी ब्राह्मण नेता पर दांव लगाएगी, लेकिन पहले से ही इस कैटेगरी में नरोत्तम मिश्रा आगे हैं।
इस बार ज्यादा नेताओं की दावेदारी
हालांकि हर बार प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कई नेता शामिल होते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या सबसे ज्यादा है। अब कहा तो यह भी जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान के बाद कई नेता आस लगाकर बैठे थे। इसमें केंद्र से मध्यप्रदेश भेजे कई मंत्री व सांसद शामिल थे, लेकिन अंत में हुआ क्या? पर्ची से एक ऐसा नाम निकला, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। भाजपा नेता ही कह रहे हैं कि आलाकमान का कोई भरोसा नहीं, पता नहीं पर्ची से किसका नाम निकले?
इस बार विलंब का भी टूट रहा रिकॉर्ड
इस बार प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में विलंब होने का भी रिकॉर्ड टूट रहा है। वीडी शर्मा साढे़ 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। पहले चुनाव की वजह से उन्हें एक्सटेंशन मिला, फिर उसके बाद चूंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी होती गई, इस कारण मामला टलता गया। मध्य प्रदेश में 45 बरस में भाजपा के करीब 13 प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। वीडी शर्मा सबसे लंबी पारी खेली है। वे फरवरी 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बने थे।
पार्टी ने जारी किया चुनाव कार्यक्रम
भाजपा मध्यप्रदेश के प्रदेश संगठन पर्व के कार्यक्रम जारी कर दिए गए हैं। संगठन पर्व के प्रदेश निर्वाचन अधिकारी विवेक नारायण शेजवलकर ने बताया कि 30 जून सोमवार को राज्य निर्वाचक मंडल की सूची का प्रकाशन किया गया है। प्रदेश संगठन पर्व के तहत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र एक जुलाई को शाम 4.30 से 6.30 बजे तक जमा किए जाएंगे। एक जुलाई को शाम 6.30 से 7.30 बजे तक नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद 7.30 से 8.30 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। एक जुलाई को रात 8.30 बजे नामांकन पत्रों की अंतिम सूची की घोषणा की जाएगी। शेजवलकर ने बताया कि आवश्यक होने पर प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दो जुलाई को प्रातः 11 बजे से 2 बजे तक मतदान कराया जाएगा। मतों की गिनती के पश्चात दोपहर 2 बजे चुनाव परिणाम की घोषणा की जाएगी। इसके साथ ही राष्ट्रीय परिषद के 44 सदस्यों की निर्वाचन प्रक्रिया भी पूर्ण की जाएगी।
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