जिस तृष्णा गृह निर्माण की जमीन पर तन गई कमर्शियल बिल्डिंग, उसका रजिस्ट्रेशन 2018 में ही निरस्त, गृह मंत्रालय के पत्र के बाद जांच में खुलासा.


इंदौर। भूमाफियाओं के खेल भी निराले हैं। वे ऐसे कारनामे कर जाते हैं जिसकी कल्पना कोई कर ही नहीं सकता। ताजा मामला तृष्णा गृह निर्माण संस्था का है। इस संस्था द्वारा बेची जमीन पर अब इंदौर में एक बहुमंजिला कमर्शियल इमारत तन गई है। गृह मंत्रालय के निर्देश पर सहकारिता विभाग की जाच में खुलासा हुआ कि इस संस्था का रजिस्ट्रेशन ही निरस्त हो चुका है। अब विभाग फाइलें खंगालने में जुटा है कि इतना बड़ी गड़बड़ी आखिर हो कैसे गई।
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री अमित शाह से की गई शिकायत में कहा गया था कि तृष्णा गृह निर्माण संस्था ने फर्जी तरीके से चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स, मेसर्स बेबीलान इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हरियाणा और अन्य तीन को यह जमीन बेच दी और इस पर बहुंजिला इमारत भी बन गई है। शिकायत के बाद गृह विभाग भारत सरकार के अवर सचिव मृत्युंजय त्रिपाठी ने मध्यप्रदेश के प्रमुख सचिव को पत्र भेजा। इसमें शिकायत की जांच करने को कहा गया। इसके बाद अवर सचिव सहकारिता ने आयुक्त सहकारिता को जांच के लिए कहा। आयुक्त सहकारिता ने 11 फरवरी को उपायुक्त, सहकारिता इंदौर को मामले की जांच कर 15 दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
जांच में पता चला रजिस्ट्रेशन हो चुका है निरस्त
सहकारिता आयुक्त के पत्र के बाद इंदौर के सहकारिता विभाग ने जांच शुरू की। जब दस्तावेज मंगाए गए तो पता चला कि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर का पंजीयन तो वर्ष 2018 में ही निरस्त हो चुका है। इसके बाद सहायक आयुक्त (अकेक्षण) सहकारिता विभाग इंदौर को पत्र लिखकर तृष्णा गृह निर्माण संस्था का पूरा रिकॉर्ड बुलवाया गया है।
परिसमापक से भी मंगवाई जानकारी
तृष्णा गृह निर्माण संस्था में परिसमापक रहे उप अंकेक्षक एमएम श्रीवास्तव जो फिलहाल झाबुआ में सहकारिता विभाग में पदस्थ हैं को भी पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि संस्था का अंतिम प्रतिवेदन श्रीवास्तव द्वारा ही प्रस्तुत किया गया है। श्रीवास्तव से कहा गया है कि वे अपने द्वारा प्रस्तुत अंतिम प्रतिवेदन मय सह संलग्नक एवं दस्तावेजी प्रमाण के उपलब्ध कराएं।
दस्तावेजों की जांच के बाद होगी कार्रवाई
सहायक आयुक्त सहकारिता इंदौर जीएस परिहार ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार जांच शुरू कर दी गई है। संबंधित विभागों से दस्तावेज बुलवाए गए हैं। इनकी जांच के बाद दोषियों को खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल की जांच में यही पता चला है कि वर्ष 2018 में ही संस्था का रजिस्ट्रेशन निरस्त हो चुका है।
चुघ हाउसिंग एवं बेबीलान को बेची जमीन
शिकायत में ग्राम खजराना तहसील व जिला इन्दौर म.प्र. के पटवारी हल्का नं. 16 में स्थित सर्वे नं. 33 रकबा 2.75 एकड तथा सर्वे नं. 28/2 रकबा 1.84 एकड का जिक्र किया गया था। शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसके पार्टनर ने बाले-बाले उक्त भूमि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या. इन्दौर को हस्तांतरित कर दी। उक्त भूमि का विक्रय अनुबंध हमारे साथ होने के पश्चात मूल कृषक बद्रीलाल एवं घनश्याम पाटीदार द्वारा उक्त भूमि कनकेश्वरी गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्या इन्दौर को विक्रय कर दी थी, जो हमारे अनुबंध के वैध रहते हुए अपने आप में शून्य थी। शिकायत में कहा गया है कि तृष्णा गृह निर्माण सहकारी संस्था ने वह जमीन फिर से चुघ हाउसिंग एंड डेवलपर्स एवं अन्य तीन को तथा मेसर्स बेबीलान इन्फ्रास्ट्रक्चर्स प्रा.लि. हरियाणा को विक्रय कर दी, जबकि उन्हें इसका कोई वैधानिक अधिकार नही था।
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