ईद की नमाज में दिल्ली से लेकर भोपाल तक वक्फ बिल का विरोध, लोगों ने काली पट्टी बांधकर पढ़ी नमाज, इंदौर की नमाज में उठा मामला.


इंदौर। आज पूरे देश में ईद मनाई जा रही है। नमाज के दौरान दिल्ली, भोपाल से लेकर इंदौर तक में वक्फ बिल का विरोध दिखा। भोपाल में भी लोग काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने गए, वहीं इंदौर में भी ऐसा ही हुआ। इंदौर में तो ईदगाह में नमाज के बाद शहर काजी डॉ. इशरत अली ने वक्फ बोर्ड की जमीनों का मुद्दा उठाया। मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सांरग ने ऐसी घनटाओं की कड़ी आलोचना की है।
इंदौर में शहर काजी डॉ.इशरत अली ने कहा कि वक्फ की बेशकीमती जायदाद पर सियासत की निगाह आ गई है। मौत और जिंदगी इंसान के हाथ में नहीं है, लेकिन इस मस्जिद में वादा करता हूं कि ताउम्र इस वक्फ की जायदादा की रक्षा करना आप लोगों को जिम्मेदारी है। यह गलत लोगों के हाथों में नहीं जाना चाहिए। उनकी यह बात सुनकर नमाज पढ़ने आए समाजजनों ने हाथ उठाकर सहमति दी। इसके बाद शहरकाजी ने कहा कि इंदौर में एक अविवादित जमीन है, लेकिन उस पर कब्जे हो गए है, कॉलोनियां कट गई हैं। ज्यादातर वक्फ की जमीनों के यहीं हाल है। इसलिए हम चाहते हैं कि ईदगाह मैदान की भी सुरक्षा की जाए।
मंत्री विश्वास सारंग ने जताई नाराजगी
मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तान में आतंकवादी हमले करता हैं, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार होता है और मुंबई में आतंकवादी हमले होते हैं, तब किसी ने काली पट्टी नहीं बांधी। कश्मीर में पंडितों पर हुए अत्याचार के समय भी पट्टी नहीं बांधी गई। सारंग ने कहा कि बिना वक्फ बोर्ड बिल को पढ़े इसका विरोध करना गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ से किसी गरीब मुसलमान को कोई लाभ नहीं मिला, बल्कि यह केवल बेजा कब्जा करने वाले अमीर मुस्लिम नेताओं का फायदा हुआ है।
काली पट्टी के अलावा फलस्तीन के बैनर भी
इंदौर-भोपाल सहित देश व प्रदेश के कई हिस्सों में लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज पढञी। भोपाल में ईदगाह के बाहर कुछ युवक फलस्तीन के समर्थन में बैनर लेकर भी पहुंचे। इस पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कहा कि फिरकापरस्त विचारधारा को उन्माद फैलाने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि ईद के मौके पर इस तरह के बैनर लगाकर अराजकता फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सारंग ने देशवासियों से कहा कि जो लोग हिंदुस्तान में रहते हुए फिरकापरस्ती की मानसिकता रखते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि अगर वे हिंदुस्तान की धरती पर हैं, तो उन्हें हिंदुस्तान की सोच को समझना होगा।