शहर के आसपास के 29 गांवों के सीवेज के कारण गंदी होती हैं इंदौर की नदियां, नगरीय प्रशासन विभाग के एसीएस ने कहा-जल्द होगा इसका निराकरण.


इंदौर। इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी को साफ करने पर अब तक करोड़ों रुपए की कई योजनाएं लागू की जा चुकी हैं, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। नगरीय प्रशासन विभाग के एसीएस संजय दुबे शनिवार को इंदौर में नगर निगम अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि शहर के आसपास के 29 गांवों का सीवेज अभी भी नदियों में जा रहा है। इसका निराकरण जल्द ही किया जाएगा।
दूरगामी लक्ष्यों पर होगा काम
एसीएस दुबे ने कहा कि इंदौर एक ब्रांड के रूप में उभर चुका है। इसलिए हम लोग सोच रहे हैं कि हम दूरगामी लक्ष्य रखें, जिनकी अपेक्षा हमसे कोई नहीं करता है। भले ही वह शासन की नीति नहीं हो, लेकिन पूरे प्रदेश और देश को उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। उदाहरण के तौर पर हम यह चुनौती लें कि हम अपने शहर को स्लम फ्री बनाने का प्रयास करेंगे। हम इस बात की चुनौती लें कि हम एनर्जी एफिशिएंसी पर देश की सबसे अच्छी म्यूनिसपल कारपोरेशन बनेंगे।
एक बूंद गंदा पानी भी दूसरे शहर को न जाए
एसीएस दुबे ने कहा कि हम इस बात की चुनौती लें हम पर्यावरण को सुधारने के लिए सबसे अच्छी म्यूनिसिपल बॉडी बनने की कोशिश करेंगे। क्या हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे शहर से एक बूंद गंदा पानी भी किसी और नदी-नाले या दूसरे शहर में नहीं जाएगा। यह हमारे लिए सिहंस्थ की दृष्टिकोण से भी आवश्यक होगा। हम हर योजना में दूरगामी लक्ष्य स्थापित करना चाहते हैं।
खर्च कम कर आय के स्रोत बढ़ाएंगे
दुबे ने कहा कि हम अपने व्यय को कम कर आय के स्रोतों को बढ़ाना चाहते हैं। ऐसे कई विषयों पर चर्चा हुई है और सहमति भी बनी है। अब इस पर आगे काम किया जाएगा। हमने अधिकारियों से कहा है कि वे जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर इस पर सुझाव लें। 11-12 अगस्त को राज्य स्तर पर बैठक कर इसकी समीक्षा की जाएगी। इसके बाद इसे अमली जामा पहनाया जाएगा।