इंदौर के कार्टूनिस्ट को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं, पीएम मोदी और संघ पर कार्टून बनाने का है मामला.


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ पर आपत्तिजनक कार्टून बनाने वाले इंदौर के कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। सोमवार को न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की, लेकिन अग्रिम जमानत पर तत्काल कोई राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हेमंत मालवीय के कार्टून में अब भी परिपक्वता की कमी है और यह भड़काऊ है।माफी के लिए दिया एक दिन का समय
कोर्ट ने हेमंत मालवीय को मंगलवार तक का समय दिया है ताकि वे इस विवाद को लेकर माफी मांग सकें। इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति धूलिया ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मालवीय की सोच में अभी भी परिपक्वता नहीं आई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मालवीय द्वारा बनाए गए कार्टून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस को अशोभनीय ढंग से चित्रित किया गया है। कोर्ट ने इसे गैर-जिम्मेदाराना और समाज में उकसावा फैलाने वाला बताया। मालवीय की ओर से वरिष्ठ वकील वृंदा ग्रोवर ने पक्ष रखते हुए कहा कि वह पोस्ट हटा दी गई है जिसमें कार्टून था, और यह किसी अपराध की श्रेणी में नहीं आता बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है। भारत सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने तर्क दिया कि ऐसे कृत्य हर जगह हो रहे हैं, लेकिन यदि वे आपत्तिजनक हैं तो उन पर रोक जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को तय की है।
संघ को पीएम के सामने झुकते दिखाया था
जिस कार्टून पर विवाद हो रहा है उसमें हेमंत मालवीय ने संघ की यूनिफॉर्म पहने एक व्यक्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्टून के सामने झुकते हुए दिखाया गया है। प्रधानमंत्री के कार्टून में शॉर्ट्स नीचे खिंचे हुए हैं और उनका निचला हिस्सा दिखाई दे रहा था। इसके अलावा पीएम मोदी को गले में स्टेथोस्कोप और हाथ में इंजेक्शन पकड़े हुए दर्शाया गया था।