नीट-यूजी परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने के मामले में इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित.


इंदौर। नीट-यूजी परीक्षा के दिन आंधी-पानी के कारण बिजली गुल होने के माममें में गुरुवार को इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी ही गई है, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। विद्यार्थियों की तरफ से वकील ने सुनवाई में कहा कि यदि दोबारा परीक्षा नहीं होती है तो छात्रों का भविष्य खराब हो जाएंगा।
उल्लेखनीय है कि इंदौर- उज्जैन संभाग के 75 स्टूडेंट खराब मौसम के कारण गुल हुई बिजली से प्रभावित हुए। वे ठीक से पर्चा नहीं दे पाए थे। इस मामले में कुछ स्टूडेंटों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट में नीट की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मजबूती से अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एक समय पर परीक्षा हुई, जिसमें 20 लाख से ज्यादा अभ्यार्थी शामिल हुए। जिन सेंटरों पर परीक्षा प्रभावित होने की बात की जा रही है। वहां भी पॉवर बैकअप था।
एनटीए की रिपोर्ट पर उठाए सवाल
स्टूडेंट्स के एडवोकेट मृदुल भटनागर ने कहा कि एनटीए की जो रिपोर्ट पेश की है, उसमें तथ्य सही नहीं है। एनटीए ने फीस के नाम 350 करोड़ रुपए लिए हैं। इन सेंटर पर बिजली की पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। मौके पर जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया।
75 स्टूडेंट की परीक्षा के दिए थे आदेश
पहले हाईकोर्ट ने 75 स्टूडेंट्स के रि-एग्जाम कराने के आदेश दिए थे। इसके खिलाफ एनटीए ने अपील की है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने रि-एग्जाम कराने के आदेश पर स्टे दे दिया था।