इंदौर की सफाई के सारे किरदार जीरो, मंत्रीजी ने खुद को बना लिया हीरो .


इंदौर। लगातार आठवीं बार इंदौर पूरे देश में सफाई में नबर वन आया है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित कई शहरों को भी अवॉर्ड मिला है। इंदौर को इस मुकाम तक पहुंचाने वाले कई किरदार इस बार जीरो नजर आ रहे हैं, क्योंकि विभाग के मंत्रीजी ने अपनी झांकी जमाकर खुद को हीरो बना लिया है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव, निगमायुक्त शिवम वर्मा तो एक मीटिंग के कारण दिल्ली में ही रुक गए हैं। वे कल इंदौर पहुंचेंगे, लेकिन इसके पहले ही आज ही शाम इंदौर पहुंचकर मंत्रीजी ने अपना जोरदार स्वागत करा लिया।
सफाई में कभी भी नहीं रहा योगदान
इंदौर को सफाई में नंबर वन बनाने में आठों बार में से कभी भी अपने मंत्रीजी का हाथ नहीं रहा। इंदौर सफाई में नंबर वन बना तो तत्कालीन महापौर मालिनी गौड़ और मनीष सिंह के कारण। इसके बाद निगम की कमान आशीष सिंह, प्रतिभा पाल और शिवम वर्मा ने संभाली। ये तीनों अधिकारी भी दिन-रात जुटे रहे कि कहीं इंदौर के हाथ से यह तमगा न फिसल जाए, लेकिन मंत्रीजी कहीं दिखाई नहीं दिए। चूंकि सांतवी बार जब तमगा मिला तो मंत्रीजी को नगरीय प्रशासन विभाग मिल गया था, इसलिए अवॉर्ड लेने पहुंच गए। आठवीं बार भी पद के कारण ही गए थे।
संभागायुक्त और कलेक्टर को भुला दिया
शायद आपको याद होगा कि इंदौर में निगमायुक्त रहे मनीष सिंह जब कलेक्टर हो गए तब भी यह अवॉर्ड लेने जाते रहे। यहां तक कि तत्कालीन संभागायुक्त पवन शर्मा भी छठवीं बार अवॉर्ड लेने गए थे। इंदौर की सफाई को यहां तक पहुंचाने में वर्तमान कलेक्टर आशीष सिंह की बहुत बड़ी भूमिका है, लेकिन उन्हें अवॉर्ड फंक्शन में नहीं बुलाया गया। जब आशीष सिंह निमगायुक्त थे, तब इंदौर में सफाई की सारी कवायदें चल रही थीं और कोरोना काल में भी उनकी मेहनत के कारण ही इंदौर नंबर वन आया था। इसके बावजूद उन्हें भुला दिया जाना समझ से परे है। संभागायुक्त दीपक सिंह को भी नहीं बुलाया गया।
अवॉर्ड लेने वालों की सूची किसने भेजी?
इस अवॉर्ड के प्रमुख हकदार कलेक्टर आशीष सिंह का अवॉर्ड फंक्शन में नहीं जाने से कई सवाल उठ रहे हैं। लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर किस विभाग ने नाम फाइनल किए होंगे। ऐसा भी नहीं है कि पहले कलेक्टर और संभागायुक्त अवॉर्ड लेने नहीं गए हैं, फिर ऐसा हुआ कैसे?
देख रहे हैं न महापौरजी-कमिश्नरजी
महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगम कमिश्नर शिवम वर्मा कल पहुंचेंगे। इससे पहले ही मंत्रीजी ने अपने कार्यकर्ताओं को एयरपोर्ट बुलाकर स्वागत करा लिया। मेहनत आपने की और श्रेय किसी और ने लूट लिया। आपको अच्छा तो नहीं ही लग रहा होगा, क्योंकि कल फिर से उतनी ही संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट पहुंचने से रहे।
महापौरजी आपकी झांकी कैसे जमेगी?
महापौरजी आप लगातार यह कोशिश करते रहते हैं कि भोपाल से दिल्ली तक अपना नंबर बढ़वाते रहें, लेकिन इंदौर में ही आपके नंबर काटने वाले काफी लोग हैं। एक तो आपके विभाग के मंत्रीजी ही हैं। अब देख लीजिए न, मंत्रीजी चाहते तो भव्य स्वागत के लिए कल तक आपके आने का इंतजार नहीं कर सकते थे।