आखिर महापौरजी भी सीख गए राजनीति, हक तो बनता ही था, दूसरे को छीनने कैसे देते सामने परोसी थाली?.


इंदौर। सफाई में लगातार आठवीं बार नंबर वन का खिताब हासिल करने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा आज इंदौर पहुंचे। एयरपोर्ट से लेकर राजवाड़ा तक उनका जोरदार स्वागत हुआ। कोशिश तो यही हुई थी कि इस बार भी श्रेय कोई और ले जाए, लेकिन महापौरजी ने इस योजना में पलीता लगा दिया।
सच भी यही है कि अगर सफाई में इंदौर को नंबर वन का तमगा मिला है तो वह नगर निगम की वजह से ही। चाहे महापौर हों, निगम कमिश्नर हों या सफाईकर्मी। इस अवॉर्ड के असली हकदार यही लोग हैं, लेकिन राजनीति तो राजनीति है। अवॉर्ड कल मिला। महापौर और निगमायुक्त मीटिंग के कारण दिल्ली में रुक गए। साथ में अवार्ड भी रख लिया। विभागीय मंत्रीजी भी अवॉर्ड लेने दिल्ली गए थे। वे एक दिन पहले ही इंदौर आ गए और पूरी झांकीबाजी कर ली। अगर वे चाहते तो अवॉर्ड के साथ महापौर के इंदौर आने की प्रतीक्षा कर सकते थे, लेकिन उन्होंने अपने सारे कार्यकर्ताओं को कल ही एयरपोर्ट बुलाकर स्वागत करा लिया। मीडिया को भी बुला लिया। परेशानी सिर्फ यही थी कि उनके हाथ में इंदौर वाला अवॉर्ड नहीं था।
महापौर ने जीत लिया मैदान
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने तीन साल में इतनी राजनीति तो सीख ही ली है कि सामने परोसी थाली किसी को न उड़ाने दें। खास बात यह कि अवॉर्ड भी उन्हीं के पास था। इससे भी बड़ी बात यह कि पूरा नगर निगम उनके साथ था। उन्होंने प्लानिंग कर ली। पूरा नगर निगम आज एयरपोर्ट से राजवाड़ा तक उनके साथ नजर आया। पार्षदों ने भी ताकत लगाई और लाज-शरम के मारे उनमें से भी काफी लोग पहुंच गए जो कल ही अवॉर्ड का जश्न मना चुके थे। इसके अलावा जनता भी थी।
ऐसे ही आगे बढ़ते रहो ‘मित्र’
कल भाजपा में ही यह चर्चा थी कि अवॉर्ड का जश्न तो आज ही मन गया, कल जब महापौर आएंगे तो क्या होगा? महापौर को भी यही डर था, लेकिन तैयारी का समय था। तैयारी हुई और महापौर इसमें सफल रहे। वे यह संदेश देने में भी सफल रहे कि अब वे अपने हक के लिए लड़ने में पीछे नहीं रहेंगे, साथ ही अपना हक किसी को छीनने भी नहीं देंगे। महापौर के चुनाव के समय एक नारा चला था-आपका मित्र, पुष्यमित्र। महापौरजी, भले ही आप इस नारे को भूल गए होंगे, लेकिन शहर नहीं भूला है। जनता तो मित्रता निभाने के लिए तैयार है, लेकिन आप ही रास्ता भटक जाते हैं। अब इंदौर की जनता और इंदौर की राजनीति को उम्मीद है कि आपका सफर इसी तेवर के साथ जारी रहेगा।