Published On :
11-Mar-2025
(Updated On : 11-Mar-2025 11:43 am )
भारतीय कुश्ती महासंघ को बड़ी राहत: खेल मंत्रालय ने हटाया निलंबन, पहलवानों के लिए खुशखबरी.
Abhilash Shukla
March 11, 2025
Updated 11:43 am ET
भारतीय कुश्ती महासंघ को बड़ी राहत: खेल मंत्रालय ने हटाया निलंबन, पहलवानों के लिए खुशखबरी
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को आखिरकार बड़ी राहत मिल गई है। खेल मंत्रालय ने महासंघ पर लगाया गया निलंबन तत्काल प्रभाव से हटा लिया है। इस फैसले से न केवल डब्ल्यूएफआई को मजबूती मिली है, बल्कि भारतीय पहलवानों के लिए भी यह बड़ी खुशखबरी है।
लंबे विवाद के बाद खत्म हुआ निलंबन
बीते कुछ वर्षों से डब्ल्यूएफआई में लगातार विवाद चल रहा था। संजय सिंह के नेतृत्व वाली कार्यकारी समिति पर खेल संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबन लगाया गया था। हाल ही में, कुश्ती की वैश्विक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने भी डब्ल्यूएफआई से निलंबन हटा दिया था, जिसके बाद खेल मंत्रालय के इस फैसले की उम्मीदें बढ़ गई थीं।
सरकार से राहत का इंतजार हुआ खत्म
डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह को UWW और IOA से पहले ही राहत मिल चुकी थी, लेकिन केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार था। आखिरकार, खेल मंत्रालय ने निलंबन हटा दिया और यह स्वीकार किया कि महासंघ ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
कैसे हुआ था निलंबन?
डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के नेतृत्व वाली समिति ने 21 दिसंबर 2023 को चुनाव जीतने के बाद अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करने की घोषणा की थी। लेकिन इसका आयोजन स्थल गोंडा के नंदिनी नगर में रखा गया, जो बृजभूषण का गढ़ माना जाता है। यह सरकार को स्वीकार नहीं था, जिसके चलते 24 दिसंबर 2023 को खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया।
पहलवानों को मिला बड़ा फायदा
निलंबन के चलते भारतीय पहलवानों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेने और घरेलू प्रतियोगिताओं के आयोजन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। अब निलंबन हटने से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने का रास्ता साफ हो गया है।
15 महीने बाद आई राहत
खेल मंत्रालय ने करीब 15 महीने बाद डब्ल्यूएफआई को मिली इस राहत पर कहा कि महासंघ ने सुधारात्मक कदम उठाए हैं और अब वह खेल संहिता का पालन कर रहा है। इस फैसले से भारतीय कुश्ती को नई दिशा मिलेगी और खिलाड़ियों के लिए बेहतर अवसर खुलेंगे।
यह फैसला भारतीय कुश्ती के भविष्य के लिए बेहद अहम है, क्योंकि अब पहलवान बिना किसी रुकावट के अपनी तैयारियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।