सहकारिता विभाग की जांच में देवी अहिल्या संस्था के विमल अजमेरा और मनोज काला दोषी, अमानत में खयानत का मामला पाया गया.


इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार गृह निर्माण संस्था के निष्कासित अध्यक्ष विमल अजमेरा और उपाध्यक्ष मनोज काला के फर्जीवाड़े की जांच सहकारिता विभाग ने पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट उप आयुक्त, सहकारिता को सौंप दी गई है, जिसमें अजमेरा और काला को आईडीए द्वारा छोड़ी गई स्कीम 171 में डायमंड इन्फ्रा और रजत गृह निर्माण का पैसा गलत तरीके से भरने का दोषी पाया गया है। रिपोर्ट में दोनों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
उप अंकेक्षक आयसी वर्मा तथा सहकारी निरीक्षक संजय कुचनकर द्वारा जांच के बाद सौंपी रिपोर्ट में कहा गया है कि संस्था के निष्कासित अध्यक्ष विमल कुमार अजमेरा, उपाध्यक्ष मनोज काला तथा प्रबंधक अनिल महाडिक ने संस्था के सदस्यों की राशि का दुर्विनियोजन किया है। इसके कारण अमानत में खयानत करने संबंधी प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेकर यथेष्ठ कार्रवाई की जाए। जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि संस्था पदाधिकारियों का उपरोक्त कार्यवाही परस्पर विरोधाभासी होकर रजत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं डायमण्ड इन्फ्रास्ट्क्चर कंपनी लिमिटेड के भूमि स्वामियों को अप्रत्यक्ष रुप से लाभ पहुंचाए जाने की श्रेणी में आता है। जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर के भूतपूर्व अध्यक्ष विमल अजमेरा एवं संस्था उपाध्यक्ष मनोज काला द्वारा रजत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं डायमण्ड इन्फास्द्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड पर इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा अधिरोपित कुल राशि रुपये 6,64,561.00 का भुगतान देवी अहिल्या श्रमिक कामगार संस्था के खाते से किया गया है। अजमेरा और काला ने संस्था को आर्थिक क्षति पहुंचाते हुए उपरोक्त अवैधानिक भूमि क्रेताओं को सदोष लाभ पहुचाते हुएं उन्हे भूमि प्राप्त होने का मार्ग प्रशस्त किया। इसके साथ ही सदस्यों की जमा अमानत में खयानत करते हुए राशि का दुर्विनियोजन एवं दुरुपयोग किया है।
डायमंड इन्फ्रा और रजत संस्था को पहुचाया लाभ
जांच में यह भी पाया गया है कि अजमेरा और काला ने देवी अहिल्या संस्था के खाते से राशि का भुगतान कर डायमंड इन्फ्रा और रजत गृह निर्माण संस्था को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाया है। संस्था पदाधिकारियों के इस कथन को ही नहीं माना गया है कि प्राधिकरण द्वारा योजना मुक्ति हेतु मांगी गई राशि जमा नहीं करने पर योजना व्यपगत नहीं होगी। जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि संस्था को चाहिए था कि वह योजना से भूमि मुक्त न हो इस हेतु प्राधिकरण को अपनी आपत्तियां वैधानिक रूप से प्रस्तुत करनी चाहिए थी। इसप्रकार संस्था पदाधिकारियों ने रजत गृह निर्माण सहकारी संस्था मर्यादित इंदौर एवं डायमण्ड इन्फ्रास्ट्क्चर कंपनी लिमिटेड के भूमि स्वामियों को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ पहुंचाया है।
संस्था के सदस्यों ने की थी लिखित शिकायत
इसके बाद संस्था के सदस्य गिरधारीलाल शर्मा और कपिल भारद्वाज ने संभागायुक्त, कलेक्टर, संयुक्त आयुक्त सहकारिता, सीईओ आईडीए, उपायुक्त सहकारिता और थाना प्रभारी एमआईजी को लिखित शिकायत की थी। इसके आधार पर सहकारिता विभाग ने जांच शुरू की थी। शिकायत में देवी अहिल्या संस्था के पूर्व अध्यक्ष विमल अजमेरा, उपाध्यक्ष मनोज काला और प्रबंधक अनिल महाडिक पर जो भी आरोप लगाए गए थे, वे सही पाए गए।
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