इंदौर के कपड़ा मार्केट से मुस्लिम कर्मचारियों को निकालने पर गर्माया माहौल, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पहुंचे, वापस जाओ के लगे नारे.


इंदौर। यहां के कपड़ा मार्केट से मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह आज कपड़ा मार्केट पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। मार्केट में उनका जोरदार विरोध हुआ। लोगों ने वापस जाओ के नारे लगाए। उनकी तरफ चूड़ियां भी फेंकी गईं।
शनिवार को दिग्विजय सिंह अपने काफिले के साथ कपड़ा की तरफ जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। फिर वे सराफा थाने की तरफ आ गए। इस दौरान एकलव्य सिहं गौड़ के समर्थकों ने उन्हें काले झंडे दिखाए। कुछ लोगों ने उनकी कार की तरफ चूड़ियां भी फेंक दी। इधर, दिग्विजय सिंह के आने की सूचना पर एकलव्य सिंह गौड़ के समर्थकों ने भी पूरी तैयारी कर ली थी। पूरे बाजार को भगवा ध्वजों और पताकाओं से सजा दिया गया था। बाजार में जगह-जगह पोस्टर भी लगाए गए थे, जिन पर लिखा था-मां बहनें निर्भीकता से बाजार में प्रवेश करें, जिहादियों से अब बाजार मुक्त है।
एकलव्य गौड़ ने दी थी चेतावनी
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चार की विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ द्वारा व्यापारियों को अपनी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने की चेतावनी दी गई थी। गौड़ ने इन कर्मचारियों पर लव जिहाद के एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इसके बाद 40 से अधिक मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया था।
दिग्विजय सिंह ने समझाया जेहाद का अर्थ
कपड़ा मार्केट से लौटने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने कहा कि जेहाद का अर्थ गलत लगाया जा रहा है। मुसलमानों के खिलाफ कुछ भी करना है तो जेहादी बोल दिया जाता है। जबकि जेहादी वह होता जो शख्श जज्बे के साथ अपनी बुराइयों को दूर करे। अपने आप को अच्छा नागरिक बना सके। उसके बारे में ही इस शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि देश में नफरत फैलाकर धर्म के ठेकेदार धर्म को बेच रहे हैं। अब नया मुद्दा आ गया है आई लव मोहम्मद। इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।