यशवंत क्लब में गड़बड़ी के मामले में डीजीपी के निर्देश पर जांच शुरू, शिकायतकर्ता कांग्रेस नेता राकेश सिंह यादव के तुकोगंज थाने में हुए बयान.


इंदौर। यशवंत क्लब में गड़बड़ी के मामले में प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव राकेश सिंह यादव की शिकायत पर जांच शुरू हो गई है। डीजीपी के निर्देश पर तुकोगंज थाने में आज राकेश सिंह यादव के बयान दर्ज हुए। यशवंत क्लब के पदाधिकारियों को भी उनका पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है।
कांग्रेस नेता यशवंत सिंह यादव ने बताया कि 18 फरवरी को उन्होंने दस्तावेजों सहित मध्यप्रदेश के डीजीपी को भी शिकायत की थी। इसी मामले में आज तुकोगंज थाने पर बयान के लिए बुलाया गया था। मैंने अपना बयान दे दिया है। इसके साथ ही सारे दस्तावेज भी प्रस्तुत कर दिए हैं। अब इस मामले में यशवंत क्लब के अध्यक्ष, सचिव और पूर्व अध्यक्ष पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज होना चाहिए।
नगर निगम को लगाया 15 करोड़ का चूना
राकेश सिंह यादव द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के अनुसार राजस्व रिकॉर्ड में कुल भूमि 6.0590 हेक्टेयर यानी लगभग 14.965 एकड़ है। इंदौर नगर निगम में दर्ज रिकॉर्ड अनुसार यशवंत क्लब की कुल भूमि 3.692 हेक्टेयर यानी लगभग 9.12 एकड़ है। मौके पर यशवंत क्लब द्वारा कुल 6.109 यानी 15.09 एकड़ जमीन का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम में संपत्ति कर कुल भूमि 2.41 हेक्टेयर लगभग 5.97 एकड़ का टैक्स पिछले 50 साल से नहीं दिया जा रहा हैं। राकेश सिंह यादव ने बताया कि इस तरह लगभग गणना अनुसार 12 से 15 करोड़ टैक्स की हेराफेरी की गई है। यह ऐतिहासिक आर्थिक घोटाला है। सरकार को तत्काल यशवंत क्लब को सीज करके अध्यक्ष और सचिव एवं पूर्व अध्यक्ष की संपत्ति संपत्तिकर की वसूली के लिए जब्त करना चाहिए।
अल्पसंख्यक वर्ग को सदस्य नहीं बनाते
काग्रेस नेता यादव ने कहा कि यशवंत क्लब में भारत के संविधान की उल्लंघन करते हुए नियमों में बदलाव नहीं करके संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं।ओबीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों को दरकिनार करके सदस्य नहीं बनाया जाता हैं, जबकि यह क्लब शासकीय लीज की भूमि पर निर्मित हैं। यशवंत क्लब की असंवैधानिक गतिविधियों के कारण लीज निरस्त करके यशवंत क्लब का अधिग्रहण सरकार को तत्काल करना चाहिए।
मिस द बस योजना का मिस यूज
राकेश सिंह यादव ने कहा कि क्लब की मिस द बस योजना भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं की योजना हैं। यशवंत क्लब के पदाधिकारियों ने सबसे पहले मिस द बस योजना में सद्सके बच्चों को सदस्य बनाने के लिए उम्र का निर्धारण किया। इसमें 50 हज़ार में सदस्य बनाए गये । इसके बाद एक अवैध एजीएम (अवैध इसलिए की एमजीएम की अध्यक्षता करने वाले का पेमेंट बकाया था) में निर्णय करके मिस द बस योजना में उम्र बंधन समाप्त करके सचिव ने अपने भाई को मात्र 5 लाख में एंव भाई के बच्चों को मात्र 50-50 हज़ार में सदस्य बना लिया। जबकि 100 सदस्य बनाने की योजना जारी होने वाली थी,लेकिन नये सदस्य योजना में प्रति सदस्य जीएसटी सहित लगभग 30 लाख रूपये प्रति व्यक्ति यशवंत क्लब को प्राप्त होते। सचिव ने मिस द बस योजना का मिस यूज करके 90 लाख का आर्थिक घोटाला करके यशवंत क्लब को चूना लगाया। यशवंत क्लब सचिव के भाई के 90 लाख बच गये। सचिव के भाई और उनके बच्चे मात्र 6 लाख में यशवंत क्लब के सदस्य बन गये।
शैल कंपनियों के माध्यम से बड़ा खेल
यादव ने आरोप लगाया कि बंद शैल कंपनियों के माध्यम से मात्र 15 लाख एवं जीएसटी लगाकर सदस्यता दी गई, जबकि आम आदमी को 25 लाख एवं जीएसटी सहित सदस्यता दी जाती हैं। बंद शैल कंपनियों का जमकर उपयोग किया गया। यादव ने कहा कि इस मामले की जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।