इंदौर की नई राजनीतिक ‘तिकड़ी’ ने दिखाया कमाल, सीएम को गोगादेव मंदिर में ले गए, कई नेताओं के चेहरे की उड़ी रंगत.


इंदौर। भाजपा में इंदौर की नई राजनीतिक ‘तिकड़ी’ इन दिनों कमाल दिखा रही है। आज तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए सीएम जब इंदौर आए तो इस तिकड़ी ने फिर कमाल दिखाया। इसी तिकड़ी ने सीएम को गोगादेव मंदिर तक आने को राजी किया।
उल्लेखनीय है कि जिस दिन हेमंत खंडेलवाल प्रदेश अध्यक्ष बने थे, उसी दिन शहर में उनके स्वागत के लिए कई पोस्टर लगे थे। इसमें पहली विधायक मनोज पटेल, पूर्व नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे और अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर की तिकड़ी एक साथ नजर आई थी। तब से यह तिकड़ी लगातार सक्रिय है और हर आयोजनों में साथ ही जाती है।
बिना कार्यक्रम सीएम को कर लिया राजी
भाजपा के सूत्र बताते हैं कि गोगादेव मंदिर में सीएम के आने का कोई कार्यक्रम नहीं था। हालांकि इस तिकड़ी ने एयरपोर्ट पर ही सीएम के कान में यह बात डाल दी थी। एयरपोर्ट से लेकर गांधी हॉल तक कुछ वरिष्ठ नेता इस कोशिश में लगे रहे कि सीएम गोगादेव मंदिर न जाएं, लेकिन सीएम ने तिकड़ी की सुनी। चू्ंकि सफाई कामगार आयोग के अध्यक्ष प्रताप करोसिया से गौरव रणदिवे के संबंध छुपे नहीं हैं, इसलिए भी सबको पता था कि तिकड़ी सीएम को जरूर ले आएगी।
मंत्रीजी ने किया किनारा
इंदौर के एक बड़े मंत्री तिरंगा यात्रा में तो सीएम के साथ थे। गांधी हॉल में जब सीएम पत्रकार वार्ता में पहुंचे तो मंत्रीजी गायब हो गए। इसके बाद वे गोगादेव मंदिर में भी नजर नहीं आए। जबकि, वाल्मिकी समाज के कई नेता मंत्रीजी के खास हैं। ऐसे में मंत्रीजी का यहां नहीं आना चर्चा का विषय रहा। कुछ लोग यह कहते रहे कि मंत्रीजी ने तिकड़ी को देखते हुए किनारा कर लिया। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि वाल्मिकी समाज के करीब डेढ़ लाख वोटर हैं और इनमें से अधिकांश भाजपा के समर्थक हैं।
सीएम ने की गोगादेव की आरती
सीएम यादव तिकड़ी के साथ गांधी हॉल में पत्रकार वार्ता खत्म कर पंढरीनाथ स्थित वीर गोगादेव मंदिर पहुंचे। वे यहां वीर गोगादेव की आरती में शामिल हुए और शीश नवाकर गोगादेव का आशीष प्राप्त किया। इस दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक रमेश मेंदोला, मनोज पटेल, अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर, सफाई कामगार आयोग के अध्यक्ष प्रताप करोसिया, नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधि मौजूद रहे।