उज्जैन में गौरी नंदन परिसर एवं दशरथ नंदन कॉलोनी के कॉलोनाइजर पर शिकंजा, ईओडब्ल्यू ने दर्ज किया प्रकरण
by Harish Fatehchandani
- Published On : 05-Jun-2025 (Updated On : 05-Jun-2025 06:53 pm )
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उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने कार्रवाई की है। ईओडब्ल्यू ने गौरी नंदन परिसर कॉलोनी एवं दशरथ नंदन कॉलोनी के कॉलोनाइजर के विरूद्ध केस दर्ज कर लिया है। कॉलोनाइजर ने अवैध तरीके से कॉलोनी का निर्माण कर लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। ईओडब्ल्यू ने ऋतुराज सिंह चौहान पिता मानसिंह चौहान, जसराज शर्मा पिता मदनलाल शर्मा, सोनू पिता लाल शर्मा और पुष्पराज सिंह पिता हुकुमसिंह चौहान के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बिना कोई अनुमति लिए काट दी कॉलोनी
जांच में पता चला कि गौरी नन्दन कॉलोनी में टीएंडसीपी, नगर निगम, कॉलोनी सेल, रेरा आदि से कॉलोनी की वैध अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी। इसके चलते शासन को राजस्व की हानि हुई। प्लॉट खरीदने वालों के साथ धोखाधड़ी की गई। मूलभूत सुविधाओं जैसे -पीने का पानी, बिजली, सड़क एवं सीवर लाइन विकसित करने का वायदा कर विकास नहीं किया गया। दशरथ नन्दन कॉलोनी में ईडब्ल्यूएस के नियमों का उल्लंघन किया गया। अब तक दोनो कॉलोनियों का कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं किया गया।
जांच में मिली कई अनियमितताएं
ईओडब्ल्यू को जांच के दौरान कई अनियमितताएं मिली हैं। पाया गया कि आरोपियों द्वारा शहरी क्षेत्र में गौरी नन्दन परिसर कॉलोनी में प्लॉट काटकर आम जनता को बेचे गए, लेकिन उक्त कॉलोनी के संबंध में कॉलोनाइजर द्वारा नगर तथा ग्राम निवेश, कॉलोनी सेल, नगर निगम तथा रेरा से आवश्यक अनुमनियां प्राप्त नहीं की गई। कॉलोनाइजर द्वारा उक्त कॉलोनी को विकसित करने के पूर्व संबंधित अनुमतियां प्राप्त करने के लिए जो राजस्व शासन को भुगतान करना था उसका पालन नहीं करके कॉलोनाइजर द्वारा शासन को राजस्व की हानि की गई है।
ईडब्ल्यूएस के नियमों का भी उल्लंघन
जांच में पाया गया कि शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के पालन में कॉलोनाइजर को कुल बिल्ट-अप एरिया का 15 प्रतिशत के मान से भूखण्ड कमजोर आय वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षित करना आवश्यक था किन्तु निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया गया। इस प्रकार आरोपीगणों द्वारा ग्राहकों के साथ झूठा वादा कर धोखाधड़ी करने, टीएंडसीपी, रेरा, नगर निगम की अनुमतियां प्राप्त ना कर शासन को राजस्व की हानि पहुंचाई गई है। ईडब्ल्यूएस के मापदण्डों का पालन न करने एवं कार्यपूर्णता प्रमाण पत्र प्राप्त ना करने के कारण धारा 420, 120बी, भादवि एवं 292 (ग) नगर पालिक अधिनियम 1956 के अंतर्गत एफाईआर दर्ज की गई है।
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