बवाल मचने के बाद डिंडोरी कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह ने बदला अपना आदेश, पत्रकारों के प्रवेश पर लगाई थी रोक.


भोपाल। अक्सर विवादों में रहने वाली डिंडेरी कलेक्टर नेहा मारव्या सिंह ने 30 जून को एक आदेश निकालकर कलेक्टर परिसर में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उनके इस आदेश का पत्रकारों ने जमकर विरोध किया। सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब आलोचना हो रही थी। इसके बाद कलेक्टर ने एक जुलाई सुबह इस आदेश में संशोधन कर पत्रकारों पर प्रतिबंध वाली बात हटा दी है।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर साहिबा ने 30 जून को जारी अपने आदेश में कहा है कि बिना अनुमति कार्यालय में पत्रकारों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। पत्रकार न तो आ सकेंगे और न ही किसी व्यक्ति का कलेक्टर परिसर में साक्षात्कार कर सकेंगे। बताया जाता है कि आजतक मध्यप्रदेश के किसी भी कलेक्टर ने इस तरह का आदेश जारी नहीं किया है। इस आदेश पर जमकर विवाद हुआ। पत्रकार संगठनों के साथ ही आम लोगों ने भी सोशल मीडिया पर इस आदेश को लेकर आपत्ति ली। इसके बाद कलेक्टर नेहा ने एक जुलाई को एक नया आदेश निकालकर पत्रकारों पर प्रतिबंध वाली बात हटा दी है। बाकी आदेश ज्यों का त्यों रखा गया है।
14 साल बाद मिली है कुर्सी
वर्ष 2011 बैच की आईएएस नेहा मारव्या सिंह को प्रदेश सरकार ने 14 साल कलेक्टर की कुर्सी तक पहुंचने नहीं दिया था, जबकि वर्ष 2015 बैच के अफसरों क भी कलेक्टर बनाया जाने लगा था। शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने भी उन पर तरस नहीं खाया, लेकिन मोहन सरकार को उन पर दया आ गई। यह दया तब आई जब आईएएस सर्विस मीट के पहले दिन आईएएस आफिसर्स एसोसिएशन के ग्रुप में नेहा ने अपना दर्द लिखकर जाहिर किया था। इसके बाद मोहन सरकार ने मेहरबानी कर दी और 14 साल बाद जनवरी 2025 में उन्हें डिंडोरी का कलेक्टर बना दिया था।