प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों की विदेश यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया पर रहेगा फोकस.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों की विदेश यात्रा: साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया पर रहेगा फोकस
15 से 18 जून तक पीएम मोदी की विदेश यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 से 18 जून तक तीन देशों – साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया – की विदेश यात्रा पर रहेंगे। रविवार को रवाना होने से पहले उन्होंने अपनी यात्रा को वैश्विक मुद्दों पर चर्चा और सहयोग के विस्तार का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया।
जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे प्रधानमंत्री मोदी
पीएम मोदी कनाडा के कनानास्किस में होने वाले आगामी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और "वैश्विक दक्षिण" की प्राथमिकताओं पर विचारों के आदान-प्रदान का एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और साझेदार देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे।
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की अपील
अपने बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि उनकी यह यात्रा भारत के साझेदार देशों को सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध उनके दृढ़ समर्थन के लिए धन्यवाद देने और आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने के लिए वैश्विक सहमति को प्रोत्साहित करने का अवसर भी है।
साइप्रस: द्विपक्षीय संबंधों को नई गति
प्रधानमंत्री 15-16 जून को साइप्रस की यात्रा करेंगे। यह दौरा साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के निमंत्रण पर हो रहा है। पीएम मोदी ने साइप्रस को भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ का एक करीबी मित्र बताया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा व्यापार, निवेश, सुरक्षा, तकनीक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने का अवसर होगी।
क्रोएशिया की ऐतिहासिक यात्रा
जी7 सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री मोदी क्रोएशिया की यात्रा करेंगे, जहां वे राष्ट्रपति जोरान मिलनोविक और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच से मुलाकात करेंगे। यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की क्रोएशिया की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। पीएम मोदी ने इसे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों और सहयोग को और प्रगाढ़ करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यह तीन देशों की यात्रा न केवल भारत के वैश्विक प्रभाव को बढ़ाएगी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग और आर्थिक-सामरिक साझेदारियों को भी सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध होगी।