Published On :
23-Dec-2024
(Updated On : 23-Dec-2024 01:28 pm )
जंगली जानवरों की सुरक्षा और सुरक्षित रेल परिचालन के लिए भारतीय रेलवे लगाएगा एआई सेंसर.
Abhilash Shukla
December 23, 2024
Updated 1:28 pm ET
जंगली जानवरों की सुरक्षा और सुरक्षित रेल परिचालन के लिए भारतीय रेलवे लगाएगा एआई सेंसर
भारतीय रेलवे जंगली जानवरों और ट्रेनों के बीच टकराव की घटनाओं को रोकने के लिए पटरियों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित सेंसर लगाने जा रहा है। इन एआई सेंसरों का उद्देश्य ट्रैक के पास जानवरों की मौजूदगी का पता लगाना और समय रहते अलर्ट जारी करना है।
एआई सेंसर की कार्यप्रणाली
जानवरों की उपस्थिति का पता लगाना: ये सेंसर पटरियों के पास या आसपास जानवरों की आवाजाही का पता लगाएंगे।
सूचना प्रसार: सेंसर द्वारा एकत्र की गई जानकारी लोको पायलटों, स्टेशन मास्टर और नियंत्रण कक्ष को अग्रिम रूप से भेजी जाएगी।
हादसे रोकने में मदद: समय रहते चेतावनी मिलने पर लोको पायलट ट्रेन की गति को नियंत्रित कर सकेंगे, जिससे हादसों को टाला जा सकेगा।
हादसों के आंकड़े
भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार:
1990 से 2018 के बीच 115 हाथियों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई।
जनवरी 2017 से मार्च 2023 के बीच 33 हाथियों की जान ट्रेन हादसों में गई।
2014 से 2022 तक, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र में लगभग 65 हाथियों की मौत हुई।
रेलवे द्वारा उठाए गए कदम
चिन्हित कॉरिडोर: भारतीय वन्यजीव संस्थान, वन विभाग और रेलवे ने प्राथमिकता वाले रेलवे खंडों की पहचान के लिए संयुक्त सर्वेक्षण किया।
फाइबर ऑप्टिकल आधारित सेंसर: ऑप्टिकल फाइबर केबल आधारित "वितरित ध्वनिक सेंसर" प्रणाली लागू की जा रही है, जो जानवरों की उपस्थिति का सटीक पता लगाएगी।
सुरक्षित क्षेत्र: प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सेंसर लगाने का कार्य 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
परियोजना की लागत और प्रगति
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि इस परियोजना के लिए 208 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
कुल 115 आरकेएम के चिन्हित कॉरिडोर में एआई सेंसर लगाए जाएंगे।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (141 आरकेएम) में कार्य पहले ही शुरू हो चुका है।
प्रभावित क्षेत्र
इस परियोजना के तहत निम्नलिखित रेलवे क्षेत्रों को कवर किया जा रहा है:
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर)
पूर्वी तट रेलवे (ईसीआर)
दक्षिण रेलवे (एसआर)
उत्तर रेलवे (एनआर)
दक्षिण-पूर्व रेलवे (एसईआर)
उत्तर-पूर्व रेलवे (एनईआर)
भारतीय रेलवे का यह कदम जंगली जानवरों और रेल यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।