नागमपंचमी के दिन उज्जैन में सारी व्यवस्थाएं फेल, वीआईपी दर्शन में ही लगे चार-चार घंटे, आम जनता का तो और बुरा हाल.


इंदौर। देश के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते रहे हैं, लेकिन हर बार दूर-दूर से दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं को निराशा ही हाथ लगती है। मंगलवार को नागपंचमी के दिन श्रद्धालुओं का जो हाल हुआ, उससे स्पष्ट है कि वहां तैनात अफसरों को लोगों की कोई चिन्ता नहीं है। प्रशासन ने वीआईपी और पत्रकारों के दर्शन के लिए अलग व्यवस्थाएं की थी, लेकिन उन्हें भी दर्शन करने में चार-चार घंटे लगे। ऐसे में आम जनता का तो और भी बुरा हाल था।
परिवार के साथ दर्शन करते रहे अफसर
विडंबना यह कि जिस आम जनता के लिए पुलिस तथा प्रशासन के अफसर तैनात थे, वे खुद ही अपने परिवार के साथ दर्शन करने में लगे रहे। ऐसे में देश के कोने-कोने से आए घंटों लाइन में लगे श्रद्धालओं की चिन्ता कौन करे? जब लाइन मंदिर के द्वार तक पहुंची तो धक्के मार-मार कर लोगों को भगा दिया गया।
मंदिर प्रशासक पूरी तरह फेल
मंदिर के प्रशासक एडीएम प्रथम कौशिक की व्यवस्थाएं पूरी तरह फेल नजर आईं। प्रशासक की तरफ से पत्रकारों के लिए ग्रैंड होटल तथा वीआईपी के लिए सर्किट हाउस और पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस पर बसों की व्यवस्था की गई थी। बसें करीब दो-दो घंटे में पहुंची और दर्शन में भी इतना ही समय लगा। इससे साफ जाहिर है कि आम जनता को कितना परेशान होना पड़ा होगा।
व्यवस्थाओं की नहीं दी जानकारी
हर साल नागपंचमी पर प्रशासक की तरफ से व्यवस्थाओं की जानकारी मीडिया को दी जाती है। इसके माध्यम से जनता को जानकारी पहुंचती है, लेकिन इस बार प्रशासक ने अपने कुछ खास मीडिया मित्रों को बुलाकर चर्चा कर ली, जिससे जनता को व्यवस्थाओं की जानकारी नहीं मिली। प्रशासक की मनमानी के कारण आम श्रद्धालु परेशान होते रहे। बताया जाता है कि कलेक्टर रौशन कुमार सिंह व्यवस्थाएं सुधारना चाहते थे, लेकिन प्रशासक ने उनकी भी नहीं सुनी। कल जब अव्यवस्थाओं को लेकर लोगों ने कलेक्टर को फोन किए तो उनके पास भी कोई जवाब नहीं था।
पुलिस वालों ने अलग ही व्यवस्था बना ली
खास बात यह कि ऐसे आयोजनों में पूरी व्यवस्था प्रशासक तैयार करता है, पुलिस उसमें सहयोग करती है, लेकिन यहां सबकुछ फेल नजर आया। पुलिस वालों ने अपनी व्यवस्था अलग बना ली। वे अपने परिचितों, परिवार वालों को दर्शन कराते रहे। यहां तक कि पत्रकारों की व्यवस्था में लगी उप प्रशासक सिमी यादव के साथ भी पुलिस वालों ने बदमतीजी की।
एक सेकंड में 10-12 श्रद्धालुओं को दर्शन
प्रशासक ने दावा किया है कि आठ लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंदिर खुलने और बंद होने के दौरान तो दो घंटे पूजा ही चली है। ऐसे में प्रशासक के दावे के अनुसार एक सेकंड में 10 से 12 श्रद्धालुओं को दर्शन कराए गए। यह आंकड़ा ही बताता है कि घंटों लाइन में लगने के बाद श्रद्धालुओं को धक्के मार कर भगाया गया।
पैसे लेकर दर्शन का खूब चला सिलसिला
पहले भी महाकाल मंदिर में पैसे लेकर दर्शन कराने की शिकायतें आती रही हैं। कुछ समय पहले ही मंदिर के कई कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ा। सूत्र बताते हैं कि मंगलवार को भी काफी संख्या में दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने पैसे देकर दर्शन किए। मंदिर के कर्मचारी और पुलिसकर्मी पैसे लेकर लोगों को लाइन में घुसाते रहे।
सीएम के गृह जिले में अफसरों की मनमानी
जब से उज्जैन के विधायक डॉ.मोहन यादव ने मुख्यमंत्री का पद संभाला है, उन्होंने महाकाल मंदिर की व्यवस्थाएं सुधारने की काफी कोशिश की है। मंदिर के प्रबंध में लगे कई अफसरों और कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हुई है, लेकिन व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रहीं। इसके कारण पूरे देश में उज्जैन, मध्यप्रदेश और सीएम की बदनामी होती है। अब जरूरत है कड़ी कार्रवाई की। कल की अव्यवस्था के लिए दोषी अफसरों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी न हो। इसके साथ ही ऐसे अफसरों को उज्जैन से हटा देना चाहिए, जिनसे भीड़ नहीं संभलती।
The property, complete with 30-seat screening from room, a 100-seat amphitheater and a swimming pond with sandy shower…
The property, complete with 30-seat screening from room, a 100-seat amphitheater and a swimming pond with sandy shower…
The property, complete with 30-seat screening from room, a 100-seat amphitheater and a swimming pond with sandy shower…
Your email address will not be this published. Required fields are News Today.
We hate spam as much as you doThe property, complete with 30-seat screening from room, a 100-seat amphitheater and a swimming pond with sandy shower…
© Copyright 2020, All Rights Reserved
Post Comments
Subash Chandra
We’ve invested every aspect of how we serve our users over the past Pellentesque rutrum ante in nulla suscipit, vel posuere leo tristique.
Subash Chandra
We’ve invested every aspect of how we serve our users over the past Pellentesque rutrum ante in nulla suscipit, vel posuere leo tristique.
Subash Chandra
We’ve invested every aspect of how we serve our users over the past Pellentesque rutrum ante in nulla suscipit, vel posuere leo tristique.
Subash Chandra
We’ve invested every aspect of how we serve our users over the past Pellentesque rutrum ante in nulla suscipit, vel posuere leo tristique.