UNSC की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: पहलगाम आतंकी हमले के पीछे था TRF, लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन बताया अहम.
UNSC की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: पहलगाम आतंकी हमले के पीछे था TRF, लश्कर-ए-तैयबा का समर्थन बताया अहम
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की प्रतिबंध निगरानी टीम ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है। टीम ने अपनी 36वीं रिपोर्ट में बताया है कि द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की दो बार जिम्मेदारी ली थी और बैसरन घाटी की तस्वीर भी सार्वजनिक की थी।

रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था। UNSC की रिपोर्ट इस दावे की पुष्टि करती है कि TRF और लश्कर-ए-तैयबा के बीच गहरे संबंध हैं।
हमले की जिम्मेदारी और TRF की भूमिका
भारत का कहना है कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया चेहरा है, जबकि पाकिस्तान ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा अब निष्क्रिय है।
क्षेत्रीय तनाव और आतंकी खतरे
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को आतंकी संगठन अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। पहलगाम हमला इसी क्षेत्रीय अस्थिरता का उदाहरण माना जा रहा है।
ISIL-K बना अंतरराष्ट्रीय खतरा, बच्चों को दे रहा आत्मघाती प्रशिक्षण
रिपोर्ट में ISIL-खुरासान को मध्य और दक्षिण एशिया के लिए सबसे गंभीर आतंकी खतरा बताया गया है। संगठन के पास लगभग 2,000 लड़ाके हैं और यह अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों, और रूसी उत्तरी काकेशस में तेजी से भर्ती कर रहा है।
निष्कर्ष
UNSC की यह रिपोर्ट आतंकवाद के खतरनाक और बदलते स्वरूप को उजागर करती है, खासकर दक्षिण एशिया में। TRF और लश्कर के संबंध, ISIL-K की सक्रियता और बच्चों की कट्टरपंथी ट्रेनिंग जैसे तथ्य अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों और देशों के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं।