नीट-यूजी परीक्षा मामले में 52 छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, इंदौर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ लगाई थी याचिका.


नई दिल्ली। नीट-यूजी परीक्षा के दिन इंदौर के कई सेंटरों में बिजली गुल होने के मामले में छात्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 52 छात्रों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को निर्देशित किया कि यह सभी स्टूडेंटस काउंसलिंग में शामिल हो सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस संबंध में 52 छात्रों ने इंदौर हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में री-एग्जाम कराने की अपील की थी। एडवोकेट मृदुल भटनागर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच के फैसले को ही बरकरार रखा है। इस मामले में याचिका दायर करने वाले छात्रों की संख्या 75 से अधिक थी, जिनमें से 52 छात्रों ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई में पीड़ित स्टूडेंटस की ओर से उनके एडवोकेट ने तर्क रखे कि बिजली गुल होने के दौरान संबंधित परीक्षा केंद्रों पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। एनटीए की ओर से सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस परीक्षा में देशभर के लाखों परीक्षार्थी शामिल हुए थे। अब काउंसलिंग का दौर है। ऐसे में इन स्टूडेंट्स की रिएग्जाम व्यावहारिक नहीं है। दोनों पक्ष को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क के साथ पीड़ित स्टूडेंटस की याचिका को खारिज कर दिया कि काउंसलिंग के समय में दोबारा परीक्षा कराना मुश्किल है।